वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2023-24 का आम बजट (Budget) पेश करेंगी. जिससे कारोबारियों, जमींदारों को काफी उम्मीदें हैं. क्या आप जानते हैं कि इस बजट की शुरुआत कैसे हुए थी. अगर आप नहीं जानते हैं तो हम यहां आपको बता रहे हैं कि बजट की शुरुआत कैसे हुई. देश में जब बजट (Budget) की शुरुआत हुई थी तो यह बजट कारोबारियों, जमींदारों को रास नहीं आया था. बजट से पहले देश में क्या-क्या व्यवस्थाएं थी. आप इसकी वजह भी की यहां पर जान सकते हैं.
बता दें कि भारत में पहले इनकम टैक्स जैसी कोई व्यवस्था लागू नहीं थी. पहली बार अंग्रेजों के जमाने में साल 1860 में ही इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) आया था. भारत में बजट की शुरुआत करने वाले जेम्स विलसन (James Wilson) ने सन 1860 में भारत का पहला बजट तैयार किया था. इसमें वह इनकम टैक्स एक्ट लेकर आए थे. इस तरह उन्होंने अंग्रेजों को भारत में वित्तीय शासन का एक अहम औजार दे दिया था.
यह कानून कारोबारियों के साथ-साथ जमींदारों को भी रास नहीं आया. इसका खूब विरोध हुआ, लेकिन विलसन के इसके पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि ब्रिटिश भारतीयों को व्यापार करने के लिए सुरक्षित माहौल मुहैया कराते हैं और इसके बदले इनकम टैक्स के रूप में एक शुल्क चार्ज लगाना सही कदम है. इसलिए वह इनकम टैक्स ऐक्ट लेकर आए हैं.
ऐसे शुरू हुई पेपर करेंसी की सुविधा
देश में इनकम टैक्स और बजट के साथ पेपर करेंसी (रुपए) की व्यवस्था भी विलसन ने ही शुरू की थी. दरअसल 1857 में देश में सैन्य विद्रोह हुआ था. इसमें हुए नुकसान की भरपाई के लिए अंग्रेज सरकार इनकम टैक्स एक्ट लेकर आई थी. तब इनकम को चार हिस्सों में बांटा गया था. प्रॉपर्टी से हुई इनकम, प्रोफेशन और ट्रेड से इनकम, सिक्योरिटीज से इनकम और सैलरी तथा पेंशन से इनकम. हर कैटगरी में 500 रुपए से कम इनकम पर दो फीसदी और 500 रुपये से अधिक इनकम पर चार फीसदी टैक्स का प्रावधान था. यानी 500 रुपए तक की इनकम पर 10 रुपए और इससे अधिक इनकम पर 20 रुपए टैक्स देना पड़ता था.
हैट-मेकर के तौर पर शुरुआत
विलसन का जन्म 1805 में स्कॉटलैंड के शहर Hawick में हुआ था. विलसन ने अपने कैरियर की शुरुआत एक हैट-मेकर के तौर पर की थी, लेकिन साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी. काफी साल तक उन्होंने फाइनेंस और इकनॉमिक्स का बेहद गहराई से अध्ययन किया. इसके बाद वे भारत में वायसराय लॉर्ड कैनिंग की काउंसिल में फाइनेंस के मेंबर बने. वे यूके ट्रेजरी के फाइनेंस सेक्रेटरी और बोर्ड ऑफ ट्रेड के वाइस-प्रेजिडेंट होने के अलावा ब्रिटिश पार्लियामेंट के सदस्य भी थे. विलसन ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (Standard Chartered Bank) की स्थापना की थी. साथ ही वह मशहूर मैगजीन ‘द इकॉनमिस्ट’ के फाउंडर भी थे.
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आज भी जारी है यह व्यवस्था
बता दें कि विलसन 28 नवंबर, 1859 को भारत आए थे. तब अंग्रेज 1857 की सैन्य विद्रोह को दबा चुके थे, लेकिन इसमें अंग्रेजों को काफी खर्च करना पड़ा था. इस कारण सरकार की हालत खस्ता थी. तब विलसन ने इनकम टैक्स एक्ट लाकर अंग्रेजों को बड़ी राहत दी थी, लेकिन भारत में वह ज्यादा दिनों कर नहीं रह सके. 11 अगस्त 1860 को दस्त की वजह से उनकी मृत्यु हो गई. लेकिन वह भारत को एक ऐसी व्यवस्था (बजट) दे गए जो आज भी जारी है और हर साल बजट तैयार किया जाता है.