हिंदू धर्म में हर त्योहार और पर्व का अपना अलग महत्व है। धनतेरस (Dhanteras) का दिन हिंदू धर्म में विशेष माना गया है। इस दिन लक्ष्मी पूजा के साथ खरीदारी का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजा प्रदोष काल के दौरान की जाती है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है, जो लगभग ढाई घंटे तक रहता है। धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है।
धनतेरस (Dhanteras) का दिन धन्वंतरि त्रयोदशी या धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जो आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि का जन्म दिवस है। इस दिन यम दीपम भी जलाए जाते हैं। परिवार के किसी भी सदस्य की असामयिक मृत्यु से बचने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपम कहा जाता है। यह धार्मिक संस्कार त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है।
साल 2025 में धनतेरस (Dhanteras) कब?
साल 2025 में धनतेरस का पर्व 18 अक्टूबर, शनिवार के दिन पड़ेगा। इस दिन से पांच दिवसीय दिवाली पर्व की शुरुआत हो जाएगी।
प्रदोष काल: शाम 05 बजकर 48 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक
वृषभ काल: शाम 07 बजकर 16 मिनट से रात 09 बजकर 11 मिनट तक
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर 2025, दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर 2025, दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर
धनतेरस (Dhanteras) के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से धन और समृद्धि आती है। इस दिन सोना, चांदी, पीतल के बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन लोग अन्य शुभ वस्तुएं खरीद सकते हैं।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त
इस दिन खरीदारी का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 49 मिनट से लेकर 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
खरीदारी का दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से लेकर शाम 4 जबकर 23 मिनट तक रहेगा।