हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ ( Karva Chauth) का व्रत रखा जाता है। इस साल 13 अक्टूबर 2022 को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखती हैं। हिंदू धर्म में करवा चौथ का बहुत अधिक महत्व होता है।
करवा चौथ ( Karva Chauth) में निर्जला व्रत रखा जाता है। शाम को चंद्रमा की पूजा करने के बाद व्रत खोला जाता है। आज हम आपको बताएंगे करवा चौथ पूजा- विधि, चांद निकलने का समय और शुभ मुहूर्त-
करवा चौथ ( Karva Chauth) के दिन चन्द्रोदय और पूजा मुहूर्त
करवा चौथ बृहस्पतिवार, अक्टूबर 13, 2022 को
करवा चौथ पूजा मुहूर्त – शाम 06 बजकर 17 मिनट से शाम 07 बजकर 31 मिनट तक
अवधि – 01 घण्टा 13 मिनट्स
करवा चौथ व्रत समय – सुबह 06 बजकर 32 मिनट से रात 08 बजकर 48 मिनट तक
करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय – 08:48 पी एम
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 13, 2022 को सुबह 01 बजकर 59 मिनट से शुरू
चतुर्थी तिथि समाप्त – अक्टूबर 14, 2022 को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर खत्म
करवा चौथ शुभ योग (Karwa Chauth)
करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 54 मिनट से सुबह 05 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। अमृत काल शाम 4 बजकर 8 मिनट से 5 बजकर 50 मिनट कर रहेगा।
पूजा सामग्री
चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा (दान) के लिए पैसे आदि।
पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई कर ज्योत जलाएं।
देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना करें।
निर्जला व्रत का संकल्प लें।
इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है।
सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है।
चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखें।
इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।