नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के गुरुवार को लिए गए एक फैसले ने इस बहस को खत्म कर दिया है कि जनप्रतिनिधि क्यूं टीका नहीं लगवा रहे हैं। देश में कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद कहा जा रहा है कि नेता अब तक टीका क्यों नहीं ले रहे हैं? जबकि वे जनता के प्रतिनिधि हैं। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने तीन माह पहले कहा था कि टीका आने के बाद सबसे पहले वह इसका डोज लेंगे लेकिन 16 जनवरी को दिल्ली एम्स में उन्होंने टीका नहीं लगवाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री और सांसद तक दूसरे चरण में कोरोना का लगेगा टीका
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पता चला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री और सांसद तक दूसरे चरण में कोरोना टीके का डोज ले सकते हैं। अभी कोरोना टीकाकरण का पहला चरण चल रहा है जो कि आगामी अप्रैल तक समाप्त होगा। दूसरे चरण में देश के उन 75 फीसदी सांसद, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को टीका दिया जाएगा जिनकी आयु 50 या उससे अधिक है। इनमें से जिन जन प्रतिनिधियों में जीवनशैली से जुड़े रोग उच्च रक्तचाप या फिर मधुमेह इत्यादि रोग अनियंत्रित स्थिति में होंगे उन्हें सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी। पीआरएस विधायी अनुसंधान के अनुसार, लोकसभा में 343 और राज्य सभा में 200 सांसद की आयु 50 या उससे अधिक है। ठीक इसी तरह मोदी सरकार की कैबिनेट में 95 फीसदी मंत्री टीकाकरण में शामिल हो सकते हैं।
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निर्वाचन क्षेत्र के विशेष अभियान की मिल सकती है जिम्मेदारी
टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होते ही लोकसभा से लेकर विधानसभा क्षेत्र तक में विशेष अभियान संचालित किए जा सकते हैं जिनकी जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के मुख्य प्रतिनिधि पर होगी। जानकारी यह भी है कि सांसद और विधायक अपने अपने कार्यक्षेत्र में जनता के बीच पहुंचकर टीकाकरण में शामिल हो सकते हैं।
टीकाकरण की योजना से जुड़े स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि अलग-अलग चरणों की नीति को अंतिम रूप दिया जा चुका है। पहले चरण में किसी भी प्रतिनिधि को टीका नहीं दिया जा सकता है। इसे लेकर पहले ही काफी विचार विमर्श किया जा चुका है जिसके बाद ही यह फैसला लिया गया है। ऐसे में अगर पहले चरण के दौरान पीएम या सीएम के टीका नहीं लेने पर कोई सवाल करता है तो वह निराधार है।
इन्हें सबसे पहले मिल सकता है टीका
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में कई जनप्रतिनिधि की आयु 80 वर्ष या उससे भी अधिक है। इन्हें दूसरे चरण में प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले टीका दिया जा सकता है। इनमें दो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरपा भी शामिल हैं।
टीकाकरण में तेजी के लिए राजनेताओं का सहयोग जरूरी
टीकाकरण को लेकर गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स के विशेषज्ञ भी इस बात से सहमत हैं कि 27 करोड़ लोगों को जल्द से जल्द टीका देने के लिए राजनेताओं का सहयोग जरूरी है। दिल्ली एम्स के एक वरिष्ठ अधिकारी और फोर्स में सदस्य ने बताया कि टीकाकरण को लेकर अभी भी लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। इन भ्रांतियों को दूर करने में नेताओं की अहम भूमिका हो सकती है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि अप्रैल माह में पीएम सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में इस पर जानकारी दे सकते हैं ।
आयु के अनुसार ये हो सकते हैं शामिल
- 75 फीसदी सांसद
- 95 फीसदी भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री
- 82 फीसदी राज्यमंत्री
- 76 फीसदी मुख्यमंत्री
- दो पूर्व पीएम और एक मुख्यमंत्री का नाम सबसे ऊपर