हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima ) के रूप में मनाया जाता है। इसे कोजागिरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा और पूनम पूर्णिमा भी कहा जाता है। बता दें कि सभी तिथियों में शरद पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है।
पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima ) के दिन चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से पूर्ण होता है। कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। इसलिए इस दिन लोग खीर बनाकर खुले आसमान में रखते हैं, जिससे अमृत का गुण खीर में बरसता है।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima ) शुभ मुहूर्त
पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी। जो कि 29 अक्टूबर को रात्रि 01 बजकर 53 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इस तरह शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima ) व्रत 28 अक्टूबर 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन चंद्रोदय संध्या में 05 बजकर 20 मिनट पर होगा। शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रात्रि 8:52 से 10:29 तक है। वहीं, अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त 10:29 से 12:05 तक है।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima ) महत्व
शास्त्रों के अनुसार, चंद्रमा की 16 कलाएं हैं। शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima ) के दिन चंद्रमा अपनी सभी कलाओं से पूर्ण दिखाई देता है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। इसलिए इस रात एक पात्र में चंद्रमा की चांदनी में दूध या खीर रखी जाती है और उसे अगले ग्रहण किया जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को आरोग्यता प्राप्त होती है। साथ ही सभी तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है।