• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा? जानें तिथि और पूजा विधि

Writer D by Writer D
06/04/2025
in धर्म, फैशन/शैली
0
Sankashti Chaturthi

Sankashti Chaturthi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikat Sankashti Chaturthi) का व्रत रखा जाता है। यह दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने वालों पर भगवान गणेश की गणेश की विशेष कृपा बरसती है। इस व्रत में चतुर्थी तिथि में चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य का महत्व होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मानसिक शांति,कार्यों में सफलता, प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।

विकट संकष्ट चतुर्थी (Vikat Sankashti Chaturthi) कब है?

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 16 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा। इस दिन चंद्रोदय के समय पूजा का विधान है। ऐसे में 16 अप्रैल को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।

विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikat Sankashti Chaturthi) के दिन चंद्रोदय का समय

विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय रात्रि 10 बजे होगा। इस समय व्रती चंद्रमा दर्शन और अर्घ्य देकर पूजा संपन्न कर सकते हैं।

संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) पूजा विधि

विकट संकष्ट चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति को पंचामृत से स्न्नान करा कर सिंदूर, दूर्वा, गंध, अक्षत, अबीर, गुलाल, सुंगधित फूल, जनेऊ, सुपारी, पान, मौसमी फल अर्पित करें। पूजा के समय गणेश जी की मूर्ति न होने पर एक साबुत सुपारी को ही गणेश जी मानकर पूजन किया जा सकता है। फिर दूर्वा अर्पित करके मोदक का प्रसाद लगाएं एवं दीप-धूप से उनकी आरती कर लें।

भगवान गणेश के मंत्र

ॐ गं गणपतये नमः

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा

विकट सकंष्टी चतुर्थी (Vikat Sankashti Chaturthi) व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, विकट सकंष्टी चतुर्थी के दिन व्रत करने और विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर-परिवार में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकल जाता है और जातक के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।

Tags: sankashti chaturthi
Previous Post

शनि की साढ़ेसाती में न करें ये गलतियां, वरना हो जाएगी पैसों की तंगी

Next Post

पति के लिए वरदान होती है ‘ऐसी’ पत्नियां, जानें वो खास गुण

Writer D

Writer D

Related Posts

Lord Shiv
धर्म

सपने में भोलेनाथ से जुड़ी इन चीजों के दिखने का हैं अपना महत्व, जानें इसके बारे में

22/09/2025
Besan Face Pack
फैशन/शैली

ग्लोइंग स्किन के लिए बेस्ट है ये फेस पैक

21/09/2025
Surya Dev
धर्म

करें सूर्य चालीसा का पाठ, जीवन में भर जाएगी सुख-समृद्धि

21/09/2025
Sabudana Khichdi
Main Slider

इस बेहतरीन डिश से करें दिन की शुरुआत, टेस्ट के साथ मिलेगी हेल्थ भी

21/09/2025
White Hair
फैशन/शैली

सफेद बाल होंगे कुदरती काले, बस करें ये उपाय

21/09/2025
Next Post
Marriage

पति के लिए वरदान होती है ‘ऐसी’ पत्नियां, जानें वो खास गुण

यह भी पढ़ें

अब अपनी मर्जी से मर सकेंगे लोग, इस देश में लागू हुआ इच्छा मृत्यु वाला कानून

08/11/2021
CM Dhami

सीएम धामी ने किया बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण

29/08/2023
CM Yogi

विधि का शासन ही सुशासन की पहली शर्त, परसेप्शन बदलने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिकाः सीएम योगी

13/07/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version