शास्त्रों के अनुसार, कुंडली में ग्रहों की स्थिति के मुताबिक ही व्यक्ति को जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। अगर ग्रहों की स्थिति अच्छी हो, तो व्यक्ति को चारों ओर से सफलता मिलती है और जीवन सुख-सुविधाओं में व्यतीत होता हैं। वहीं ग्रहों की स्थिति खराब होने से जातक को कई कष्टों को सामना करना पड़ता है। इसलिए कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति से होने वाले नुकसान से बचने के लिए कुछ विशेष रत्नों (Gem) को धारण करना बेहद शुभ माना जाता है।
मान्यता है कि इन रत्नों (Gem) को पहनने ग्रह दोषों से राहत मिलती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं, लेकिन कई बार बिना ज्योतिषीय सलाह के गलत उंगली में रत्न पहनने से जातक को इसके अशुभ परिणाम भी मिल सकते हैं। इसलिए ज्योतिषाचार्य से सलाह लेने के बाद ही कोई रत्न (Gem) धारण करें और भूलकर भी गलत उंगली में कोई रत्न ना पहनें।
चलिए जानते हैं कि रत्नों के शुभ प्रभाव के लिए किस उंगली में कौन-सा रत्न (Gem) धारण करना बेहद मंगलकारी माना जाता है-
माणिक रत्न: रत्न शास्त्र के अनुसार, माणिक को सूर्य का रत्न माना जाता है। इसे अनामिका उंगली यानी कि रिंग फिंगर में पहनना शुभ होता है। इस रत्न को रविवार के दिन सूर्योदय से पहले सोने की अंगूठी में पहन सकते हैं।
मूंगा रत्न: मूंगा रत्न को भी आप रिंग फिंगर में पहन सकते हैं। मूंगा मंगल का रत्न कहलाता है। इसे रत्न को शाम के समय चांदी या तांबे की धातु में धारण करना चाहिए।
नीलम रत्न: नीलम को शनि का रत्न माना जाता है। मान्यता है कि नीलम रत्न पहने से शनि के अशुभ प्रभावों से राहत मिलता है। इस रत्न को आप शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में पहन सकते हैं।
पुखराज: मान्यता है कि पुखराज धारण करने से गुरु ग्रहों के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है। इस रत्न को सोने की धातु में तर्जनी उंगली में धारण करना शुभ माना गया है। अच्छे रिजल्ट्स के लिए आप गुरुवार के दिन सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच इस रत्न को पहन सकते हैं।
पन्ना: रत्न शास्त्र के अनुसार, पन्ना रत्न पहनने से बुध ग्रह मजबूत होता है। इस रत्न को छोटी उंगली में पहना जाता है। इससे बुधवार के दोपहर 12 से 2 बजे के बीच पहनना से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
गोमेद रत्न: रत्न शास्त्र के मुताबिक, राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए गोमेदर रत्न धारण किया जाता है। इस रत्न को शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में धारण करना शुभ माना जाता है।