रत्न ज्योतिष में मूंगा (Moonga) को मंगल ग्रह का रत्न माना गया है। मंगल ग्रह को ऊर्जा, उत्साह,जोश,शक्ति, साहस और पराक्रम का कारक माना गया है। मान्यता है कि कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होने पर व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में अपार सफलता मिलती है। वहीं,मंगल के कमजोर होने पर व्यक्ति को क्रोध अधिक आता है। वाद-विवाद की स्थिति बनी रहती है और जीवनसाथी से भी तालमेल खराब रहता है। ऐसे में मंगल ग्रह के शुभ प्रभावों के लिए मूंगा पहनना बहुत लाभकारी माना गया है। हालांकि, किसी भी रत्न को पहनने से ज्योतिषीय सलाह जरूर लेना चाहिए।
हरिश्चन्द्र विद्यालंकार द्वारा लिखी गई पुस्तक रत्न परिचय के अनुसार, जिस व्यक्ति के जन्म के समय सूर्य मेष और वृश्चिक राशि में उदित रहता है या जिनका जन्म 15 अप्रैल से 14 मई व 15 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच हुआ हो। ऐसे जातक मूंगा (Moonga) पहन सकते हैं। वहीं, अंकज्योतिष के अनुसार, मूलांक 6 वाले भी मूंगा धारण कर सकते हैं। आइए जानते हैं मूंगा धारण करने की विधि…
मूंगा (Moonga) पहनने के विधि :
रत्न ज्योतिष के अनुसार, जन्मपत्रिका में मंगल ग्रह चौथे,आठवें और बारहवें स्थान पर हो, तो 8 रत्ती का मूंगा (Moonga) धारण किया जा सकता है। इससे सोने की अंगूठी में पहनना उत्तम माना जाता है। वहीं, चंद्र-मंगल के योग में चांदी की अंगूठी में मूंगा जड़वाकर पहनना चाहिए। इसे रत्न को 5 या 14 रत्ती का कभी नहीं धारण करना चाहिए।
अंकज्योतिष के अनुसार, मूलांक 6 वाले लाल,भूरा या चमकीला भूरा मूंगा पहन सकते हैं। इस रत्न को मध्यमा यानी तीसरी उंगली में पहनना शुभ माना जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान :
रत्न ज्योतिष के अनुसार, काले धब्बे, गड्ढेदार, श्वेत छींटे, चीर-चोट वाला, घुना हुआ समेत कई दोषयुक्त मूंगा (Moonga) को धारण करने से बचना चाहिए। इससे जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।