नई दिल्ली। एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के शेयरों की कीमत में साल 2020 में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई। इस शेयर की कीमतें पिछले साल 700 फीसद से ज्यादा बढ़ गई। इसी की बदौलत टेस्ला दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी भी बन गई। इस तरह कंपनी के शेयर का भाव जनरल मोटर्स, फिएट क्राइस्लर ऑटोमोबाइल्स, फोर्ड और टोयोटा की संयुक्त कीमत से भी अधिक हो गया है। जिन निवेशकों ने शुरुआत में ही इसके शेयर खरीद लिए थे, वो काफी फायदे में रहे हैं।
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पहले यूएस-चीन ट्रेड वॉर और फिर कोराना वायरस महामारी के चलते वैश्विक शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। इसके बाद विभिन्न देशों द्वारा की गई राहत पैकेज की घोषणाओं से बाजार संभला, साल बीतते-बीतते तो कई शेयर बाजार रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। जिन लोगों ने पिछले साल टेस्ला के शेयरों में निवेश किया, वे मालामाल हो गए। ये निवेशक इस मुनाफे से इतने खुश है कि इन्होंने खुद को मिलेनियर या बिलेनियर की बजाय टेस्लानियर कहना शुरू कर दिया है।
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टेस्ला पिछले साल दिसंबर महीने में ही अमेरिका के सबसे बड़े स्टॉक इंडेक्स एस एंड पी-500 में आई है। दिसंबर में टेस्ला के शेयरों में जबरदस्त उछाल के चलते यह इस इंडेक्स की टॉप-10 कंपनियों में शामिल हो गई। टेस्ला के शेयर की कीमत की बात करें, तो जून 2010 में टेस्ला के शेयर केवल 17 डॉलर प्रति शेयर की कीमत पर बाज़ार में आए थे। वहीं, बीते हफ्ते कंपनी के शेयर की कीमत 650 डॉलर से ज्यादा हो चुकी है।