नई दिल्ली: खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट और ईंधन की दरों में नरमी से इस वर्ष अप्रैल में देश की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित थोक महंगाई (Wholesale Inflation) मार्च के 2.05 प्रतिशत घटकर तेरह माह के निचले स्तर 0.85 पर आ गई।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में थोक खाद्य पदार्थों की कीमतों में सालाना आधार पर केवल 2.55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि मार्च में यह 4.66 प्रतिशत थी। खासकर सब्जियों की कीमतों में तीव्र गिरावट देखने को मिली, जो मार्च में 15.88 प्रतिशत की गिरावट के बाद अप्रैल में और बढ़कर 18.26 प्रतिशत तक पहुंच गई।
ईंधन और बिजली की श्रेणी में भी कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। अप्रैल में इस श्रेणी में सालाना आधार पर 2.18 प्रतिशत की गिरावट हुई जबकि मार्च में इसमें 0.20 प्रतिशत की मामूली बढ़त देखी गई थी।
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उल्लेखनीय है कि मंगलवार को जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई के आंकड़ों में भी यह संकेत मिला था कि खुदरा लगातार तीसरे महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के चार प्रतिशत लक्ष्य से नीचे रही है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय बैंक आने वाले महीनों में विकास को गति देने के लिए ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है।