नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच देशभर में पक्षियों के मरने की खबरे आ रही हैं। कई राज्यों में एक साथ ही पक्षियों की मौत के मामले ने चिंता बढ़ा दी है। राज्य सरकारों ने इसे लेकर शासन-प्रशासन को अलर्ट पर रखा है। वैज्ञानिक भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर पक्षियों की मौत के पीछे वजह क्या है?
हिमाचल के पोंग डैम में पक्षियों की रहस्यमयी मौत
मैदानी इलाकों के अलावा पहाड़ों पर भी पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं। हिमाचल प्रदेश स्थित पोंग डैम इलाके में 1,400 से अधिक प्रवासी पक्षियों की रहस्यमयी मौत हो गई। इसके बाद कांगड़ा जिला प्रशासन ने बांध के जलाशय में सभी तरह की गतिविधियों में अगले आदेश तक रोक लगा दी है। पक्षियों के सैंपल भी जांच के लिए भोपाल स्थित हाई सिक्यॉरिटी एनिमल डिजीज लैब में सैंपल भेजे जा चुके हैं। जांच के बाद ही पक्षियों की मौत के कारणों का पचा चल सकेगा।
राजस्थान में भी चिंताजनक स्थिति
राजस्थान में कौओं की मौत के अचानक मामले सामने आने लगे हैं। जयपुर समेत 7 जिलों में 24 घंटों में 135 और कौओं की मौत होने की सूचना मिली है। इससे पहले एक साथ 50 से अधिक कौओं की मौत के मामले सामने आए थे। हालात किस कदर चिंताजनक हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने हालात की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं, साथ ही चार संभागों में विशेषज्ञ दल भी भेजे गए हैं।
मध्य प्रदेश के कौओं में मिला एच-5 एन-8 वायरस
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के एक निजी कॉलेज परिसर में 100 से ज्यादा कौओं की मौत का मामला सामने आया है। जब इनकी जांच की गई तो इनमें से दो कौओं में ‘एच-5 एन-8’ वायरस पाए गए। कौओं में वायरस की पुष्टि होने के बाद राज्य के लोकस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन कार्यरत पशु चिकित्सा विभाग और अन्य संबंधित विभाग सक्रिय हो गए हैं।
गुजरात के जूनागढ़ में भी पक्षियों की मौत
गुजरात के जूनागढ़ में भी पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं। यहां 53 पक्षियों के मरने की खबर के बाद राज्य प्रशासन अलर्ट हो गया है। बताया जा रहा है कि पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है। हालांकि इसकी जांच की जा रही है।