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जातिवादी रवैये पर सर्वे का परिणाम आने से पहले क्यों घबरा गई योगी सरकार?

नई दिल्ली। यूपी में योगी सरकार के जातिवादी रवैये पर एक सर्वे राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ राजधानी हजरगंज थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय सिंह ने कहा कि सर्वे का परिणाम आने से पहले क्यों घबरा गई योगी सरकार? अगर योगी सरकार जातिवादी नहीं तो पूरे प्रदेश में सर्वे कराए सरकार। बीजेपी विधायकों ने भी योगी सरकार को जातिवादी बताया हैं। उनके आरोपों की सच्चाई का पता सर्वे से ही चलेगा।

संजय सिंह ने अपने आधिकारिक ट्टविर हैंडल से एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर पर प्रतिक्रिया दी है। सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों और दलितों की हत्या कराना अपराध नहीं है, लेकिन जातिवाद पर लोगों की राय जानना अपराध है। मैंने एक सर्वे कराया कि ये सरकार जातिवादी है या नहीं, लेकिन सर्वे का रिजल्ट आने से पहले ही सरकार ने मेरे खिलाफ एफआईआर कर दी।

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सिंह ने कहा कि यूपी में ब्राह्मणों, दलितों, पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये अकेले मैं नहीं कह रहा हूं। आपके (बीजेपी के) खुद के विधायक राधा मोहन दास ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार ठाकुरवादी सरकार है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के ही विधायक देवमणी द्वेदी ने आरोप लगाया है कि ब्राह्मणों के साथ उत्तर प्रदेश में अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर इस बारे में जनता से राय ली जा रही है तो आप केस क्यों दर्ज कर रहे हो? क्यों डर रहे हो?

योगी सरकार पर जातिवाद का मेरा आरोप सही

संजय सिंह ने कहा कि मैं योगी सरकार से अनुरोध करता हूं कि जनता के टैक्स के पैसे को जांच में बर्बाद न करके । इस मामले में जो कुछ भी पूछताछ करनी है मुझसे कीजिए। मैं आपके सारे सवालों का जवाब दूंगा। उन्होंने वीडियो में उनके द्वारा सर्वे कराए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस सर्वे का रिजल्ट आने से पहले ही योगी सरकार डर गई। इससे स्पष्ट है कि योगी सरकार पर मैंने जो जातिवाद का आरोप लगाया है वह पूरी तरह सही है।

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