नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया रविवार को सिंघु बॉर्डर के गुरु तेग बहादुर स्मारक पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि हमारे किसान पिछले 32 दिनों से ठंड में सड़कों पर सोने को मजबूर हैं। क्यों? मैं इससे बहुत दुखी हूं कि यहां 40 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि किसानों की बात सुने और तीनों कृषि कानूनों को वापस लें।
Delhi CM Arvind Kejriwal & Dy CM Manish Sisodia visit Guru Tegh Bahadur Memorial at Singhu. pic.twitter.com/5atmnBTmaH
— ANI (@ANI) December 27, 2020
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार और उनके बड़े-बड़े नेता कानूनों के लाभ के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, वे सभी कह रहे हैं कि इससे कोई नुकसान नहीं होगा। यह किसानों की जमीन या न्यूनतम समर्थन मूल्य को नहीं छीनेगा, क्या ये लाभ हैं? फिर आप इन कानूनों को क्यों लाए? इन्हें फाड़ कर फेंक दीजिए।
उन्होंने कहा कि किसानों को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है, अगर किसान राष्ट्रद्रोही हो गया तो तुम्हारा पेट कौन भरेगा? किसानों की खेती चली गई तो किसान कहां जाएगा? किसानों के पास क्या बचेगा? केंद्र सरकार आरोप लगा रही है कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है। मैं केंद्र सरकार को चुनौती देता हूं, केंद्र सरकार अपने सबसे बड़े नेता को लेकर आ जाए और हमारे किसान नेता आ जाएं और पब्लिक में चर्चा हो जाए, पता चल जाएगा किसको कितनी जानकारी है।
केजरीवाल ने कहा कि ये तीन कानून लेकर आए हैं, इन तीनों कानूनों के जरिए अब ये किसानों की खेती भी छीनना चाहते हैं। उनकी खेती भी उठाकर अपने 2-3 बड़े-बड़े पूंजीपति दोस्तों को देना चाहते हैं। अगर किसान की खेती भी चली गई तो किसान कहां जाएगा।
वहीं, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री किसानों को होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं। सभी के दबाव के बावजूद, स्टेडियम जेल में परिवर्तित नहीं हुए हैं। अगर हमने ऐसा किया होता को ये इतिहास में काला धब्बा होता है।