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क्यों मनाया जाता है धनतेरस, जानें पौराणिक कथा और महत्व

Writer D by Writer D
20/10/2022
in धर्म, फैशन/शैली
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Dhanteras

Dhanteras

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भगवान विष्णु के अंशावतार एवं देवताओं के वैद्य भगवान धन्वन्तरि का प्राकट्यपर्व धनतेरस (Dhanteras) कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी को 22 अक्टूबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा। ये पर्व प्रदोष व्यापिनी तिथि में मनाने का विधान है। इस दिन परिवार में आरोग्यता के लिए घर के मुख्य दरवाजे पर यमदेव का स्मरण करके दक्षिण मुख अन्न आदि रखकर उस पर दीपक स्थापित करना चाहिए। गृहस्थों को इसी अवधि के मध्य ‘ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः। मंत्र से षोडशोपचार विधि द्वारा पूजन अर्चन करना चाहिए जिसके फलस्वरूप परिवार में दीर्घआयु एवं आरोग्यता बनी रहती है।

पौराणिक कथा

धन्वन्तरी जयंती या धनतेरस (Dhanteras)  मनाये जाने के सन्दर्भ में ये घटना आती है कि, पूर्वकाल में देवराज इंद्र के अभद्र आचरण के परिणामस्वरूप महर्षि दुर्वासा ने तीनों लोकों को श्रीहीन होने का श्राप दे दिया था जिसके कारण अष्टलक्ष्मी पृथ्वी से अपने लोक चलीं गयीं। पुनः तीनो लोकों में श्री की स्थापना के लिए व्याकुल देवता त्रिदेवों के पास गए और इस संकट से उबरने का उपाय पूछा। महादेव ने देवों को समुद्रमंथन का सुझाव दिया जिसे देवताओं और दैत्यों ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।

वास्तु के अनुसार करें मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा समुद्र मंथन की भूमिका में मंदराचल पर्वत को मथानी और नागों के राजा वासुकी को मथानी के लिए रस्सी बनाया गया। वासुकी के मुख की ओर दैत्य और पूंछ की ओर देवताओं को किया गया और समुद्र मंथन आरम्भ हुआ।

समुद्रमंथन से चौदह प्रमुख रत्नों की उत्पत्ति हुई जिनमें चौदहवें रत्न के रूप में स्वयं भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए जो अपने हाथों में अमृतकलश लिए हुए थे। भगवान विष्णु ने इन्हें देवताओं का वैद्य और वनस्पतियों तथा औषधियों का स्वामी नियुक्त किया। इन्हीं के वरदान स्वरूप सभी वृक्षों-वनस्पतियों में रोगनाशक शक्ति का प्रादुर्भाव हुआ।

आजकल व्यापारियों ने ‘धनतेरस’ का भी बाजारीकरण कर दिया है और इसदिन को विलासिता पूर्ण वस्तुओं के क्रय का दिन घोषित कर रखा है जो सही नहीं है। इसका कोई भी सम्बन्ध भगवान् धन्वन्तरि से नहीं है। ये आरोग्य और औषधियों के देव हैं न कि हीरे-जवाहरात या अन्य भौतिक वस्तुओं के। अतः इस दिन इनकी पूजा-आराधना अपने और परिवार के स्वस्थ शरीर के लिए करें क्योंकि, संसार का सबसे बड़ा धन आरोग्य शरीर है। आयुर्वेद के अनुसार भी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ शरीर और दीर्घायु से ही संभव है।

Tags: Dhanterasdhanteras 2022dhanteras 2022 date and timedhanteras kab haiDhanteras puja vidhiधनतेरस
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