Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

अब पर्यटक और वन्य जीव प्रेमी ‘डॉल्फिन सफारी’ का ले सकेंगे आनंद

Dolphin

Dolphin

आगरा। योगी सरकार (Yogi Government) ने उत्तर प्रदेश को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करने के लिए प्रदेश में नई पर्यटन नीति लागू कर दी है। सरकार द्वारा पर्यटन उद्योग को नई गति प्रदान करने के लिए प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। घड़ियाल, मगरमच्छ, कछुए, पक्षियों और प्राकृतिक सुंदरता से गुलजार चंबल सेंचुरी में अब जल्द ही डॉल्फिन सेंचुरी (Dolphin Sanctuary) क्षेत्र भी घोषित होगा। इसके लिए राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की उप वन संरक्षक (वन्यजीव) आरुषि मिश्रा ने एक प्रस्ताव शासन को भेजा है। डॉल्फिन सेंचुरी के लिए इटावा स्थित राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी के सहसों क्षेत्र का चयन किया है। जहां बड़ी संख्या में डॉल्फिन (Dolphin) पाई जाती हैं।

डॉल्फिन (Dolphin) की संख्या में हो रही वृद्धि

आगरा में ताजमहल देखने आने वाले पर्यटक और वन्यजीव प्रेमी चंबल सेंचुरी के साथ अब जल्द ही डॉल्फिन सफारी (Dolphin Safari) का भी आनंद ले सकेंगे। इटावा स्थित चंबल सेंचुरी के सहसों के 20 किलोमीटर क्षेत्र में बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई जाती है। यहां पर डॉल्फिन (Dolphin) की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है। राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की उप वन संरक्षक (वन्यजीव) आरुषि मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन के संरक्षण के लिए डॉल्फिन सेंचुरी (Dolphin Sanctuary) का एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

इटावा स्थित राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी के सहसों क्षेत्र को डॉल्फिन सेंचुरी के लिए चयन किया है। इसमें उन्होंने इटावा के सहसों का 20 किलोमीटर का दायरा चिह्नित किया है। इस स्थान पर 50 से 80 के करीब डॉल्फिन पाई। जाती हैं। सैलानी यहां बैठकर डॉल्फिन को देख सकेंगे। इस बार राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट के बाह और इटावा रेंज में 171 डॉल्फिन रिकॉर्ड की गई हैं। जो साल 2012 के सर्वे में महज 78 थीं।

इको टूरिज्म और डॉल्फिन (Dolphin) कंजर्वेशन की दिशा में बड़ा कदम

उप वन संरक्षक (वन्यजीव) आरुषि मिश्रा ने बताया कि साल 1979 में घोषित हुए राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य 635 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। ये मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश तीन राज्यों को जोड़ता है। इसमें साल 2008 से घड़ियालों की प्राकृतिक हैचिंग हो रही है। परिणाम स्वरूप 2,176 घड़ियाल की संख्या पहुंच गई है। 878 मगरमच्छ के साथ उत्तर प्रदेश के इटावा तक करीब छह हजार दुर्लभ प्रजाति के कछुए पाए जाते हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति संवेदनशील है डबल इंजन की सरकार: योगी

वहीं, चंबल सेंचुरी में संरक्षित राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन (Dolphin) का कुनबा भी बढ़ा है। आरुषि मिश्रा ने बताया कि डॉल्फिन सफारी के लिए भारत सरकार ने दो स्थानों को प्रमुखता दी है। बीते दिनों वाराणसी और चंबल का प्रजेंटेशन भारत सरकार के सामने हो चुका है। चंबल की वास्तविक स्थिति देख सभी खुश थे। यह इको टूरिज्म और डॉल्फिन कंजर्वेशन की दिशा में भी सरकार का बड़ा कदम है।

राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित हो चुकी है डॉल्फिन (Dolphin)

गौरतलब है कि गंगा नदी में पायी जाने वाली डॉल्फिन (Dolphin)  भारत की राष्ट्रीय जलीय जीव है। 5 अक्टूबर, 2009-10 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था। जिसके बाद से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा हर वर्ष 5 अक्टूबर को गंगा डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि 2012 में प्रदेश की नदियों में डॉल्फिन की हुई गणना में डॉल्फिन की संख्या 671 थी, जिसमें से 78 चंबल में थीं। इस समय राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी क्षेत्र के बाह रेंज में 24 और इटावा रेंज में 147 डॉल्फिन हैं।

Exit mobile version