वाराणसी। भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण की तरफ से दो दिवसीय पीएम गति शक्ति मल्टी मॉडल जल मार्ग शिखर सम्मेलन 2022 का उद्घाटन समारोह पंडित दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में शुक्रवार को आयोजित हुआ। केंद्रीय बंदरगाह जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत आयोजित इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) सहित भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल के अलावा बांग्लादेश के मंत्री खालिद मोहम्मद चौधरी भी शामिल हुए। सम्मेलन में केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ ही उद्योग जगत से जुड़े लोगों के बीच पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान साझा किया जाना है। सम्मेलन में अपने उद्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते साढ़े पांच साल में उत्तर प्रदेश ने इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है।
पीएम के नेतृत्व में वाराणसी ही नहीं पूरा देश आगे बढ़ रहा
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने पीएम गतिशक्ति मल्टी मॉडल इनलैंड वाटर वेज सम्मेलन 2022 के आयोजन के लिए भारत सरकार के पोत परिवहन मंत्रालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि विश्व की जिस सबसे प्राचीन नगरी काशी में इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है वहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सांसद हैं। प्रधानमंत्री के विजन, नेतृत्व और मार्गदर्शन में ना सिर्फ वाराणसी बल्कि उत्तर प्रदेश और पूरा देश नई ऊंचाइयां प्राप्त कर रहा है।
यूपी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में नयी ऊंचाइयों को हासिल किया
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने बताया कि यूपी ने साढ़े पांच साल में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में नयी ऊंचाइयों को हासिल किया है। उत्तर प्रदेश 13 एक्सप्रेस हाईवे वाला राज्य बनने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही इन्टरस्टेट कनेक्टिविटी के अंतर्गत नेपाल बॉर्डर सहित बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों को फोर लेन की कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है। प्रदेश का सौभाग्य है कि ईस्ट और वेस्ट डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर यूपी से होकर गुजरता है। हम इस क्षेत्र को लॉजिस्टिक के हब के रूप में डेवलप कर रहे हैं। इसके अलावा एयर कनेक्टिविटी में भी यूपी ने नयी ऊंचाइयों को प्राप्त किया है।
किसानों की आमदनी और आत्मविश्वास दोनों बढ़ा
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पाद दुनियाभर में एक्सपोर्ट किये जा रहे हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ ही आज बलिया, देवरिया, कुशीनगर, जौनपुर, चंदौली आदि कृषि प्रधान जिलों से खाद्यान का बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट हो रहा है। इससे किसानों की आमदनी तो बढ़ी ही है, साथ ही उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। यही नहीं करोना काल में जब बहुत से सेक्टर्स में कार्य बाधित हो गये, उस वक्त भी उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में मजबूती देखने को मिली। कोरोना काल में यूपी में 40 लाख प्रवासी कामगार और श्रमिक आये। हमने टीम लगाकर सभी इलाकों में उनके रहने, खाने और चिकित्सा की व्यवस्था ही नहीं करायी बल्कि श्रमिकों की बड़े पैमाने पर स्किल मैपिंग का काम भी किया गया। हमने डेटाबेस तैयार कराया कि आने वाले श्रमिकों में कितने ड्राइवर हैं, कौन-कौन श्रमिक और कारीगर है। साथ ही हर कामगार के स्किल का पूरा खाका तैयार कराया गया।
जल्द खत्म कर देंगे यूपी से बाढ़ की समस्या
उन्होंने बताया कि कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में एक भी उद्योग को बंद नहीं होने दिया गया। सावधानी के साथ व्यवस्थाएं करायी गयीं। उद्योगों में कोविड हेल्पडेस्क से लेकर ऑक्सीजन तक की व्यवस्था करायी गयी। कोविड प्रबंधन की ये प्रेरणा हमें प्रधानमंत्री के ‘जीवन और जीविका बचाने’ के मूलमंत्र से मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में इनलैंड वाटर वेज़ में अपार संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश नदियों का राज्य है। हमारे यहां की नदियां हिमालयी होने के कारण इनमें बड़े पैमाने पर सिल्ट भी जमा हो जाती है। इसकी वजह से पहले प्रदेश के 38 से 40 जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो जाती थी। हमने नदियों की ड्रेजिंग कराने का कार्य युद्धस्तर पर किया है, जिसके बाद अब केवल तीन से चार जिले ऐसे बचे हैं, जहां बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है। इस समस्या को भी हम जल्द से जल्द समाप्त कर देंगे। हम आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। एमएसएमई का सबसे बड़ा क्लस्टर यूपी में है। साथ ही हम प्रदेश के ओडीओपी को प्रमोट करने के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम गति शक्ति के इस दो दिवसीय सम्मेलन में हम उन सभी संभावनाओं को तलाशेंगे जिससे प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को धरातल पर उतारने में मदद मिले। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।