नई दिल्ली। इंडिया में कोरोना की वैक्सीन को सभी तक पहुंचाने के लिए सरकार Co-WIN या Covid vaccine Intelligence Network नाम का ऐप बना रही है जिसकी मदद से लोगों को दवाई दी जा सके। सरकार तो अभी ऐप बना ही रही है मगर कुछ धुरंधर लोगों ने इसी नाम का ऐप बना भी डाला और गूगल प्ले स्टोर पर चढ़ा भी दिया। कुछ ऐप्स बस कोरोना से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं तो कुछ रजिस्ट्रेशन के नाम पर यूजर का डेटा भी ले रहे हैं। इस डेटा का बहुत तरीके से गलत इस्तेमाल हो सकता है।
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आप इतना ध्यान रखिए कि अभी सरकारी ऐप किसी भी प्लैट्फॉर्म पर मौजूद नहीं है। जब आएगा तो डेवलपर के नाम के आगे शायद NIC eGov Mobile Apps लिखा हुआ मिले। वही नाम जो आरोग्य सेतु ऐप के नीचे लिखा होता है। अभी Co-WIN ऐप का सिर्फ़ वेब वर्ज़न मौजूद है, यानी कि एक वेबसाइट खोलकर ऐप के फंक्शन चलेंगे। इधर भी ऐसा नहीं है कि कोई भी मुंह उठाकर रजिस्ट्रेशन कर ले। Co-WIN का इस्तेमाल अभी सिर्फ़ पहले चरण के टीकाकरण के लिए हो रहा है।
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इस फेज़ में सिर्फ़ फ्रन्ट लाइन वर्कर शामिल हैं– मतलब कि अस्पताल का स्टाफ वग़ैरह। Co-WIN की वेबसाइट और वेब ऐप पर रजिस्ट्रेशन करने का ऑप्शन सिर्फ़ इन्हीं चुनिंदा लोगों के खुला है। बाकी लोगों को सिर्फ़ लॉगिन करने का ही ऑप्शन दिखेगा। जो ऐप्स बस कोरोना से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं तो वो बस आपके जरिए पैसे कमा रहे हैं।
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दूसरे चरण का टीकाकरण भी हेल्थ वर्कर के लिए ही होगा, उसके बाद 50 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोगों को वैक्सीन मिलेगी और फिर कहीं जाकर रजिस्ट्रेशन बाकी नागरिकों के लिए खुलेगा। तो फिलहाल अभी न Co-WIN ऐप गूगल प्ले स्टोर पर है और न ही ऐपल ऐप स्टोर पर। जब ऐप आएगा, सरकार खुद इसकी जानकारी देगी। तब के लिए ऐसे किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से बचिए। मास्क पहनिए और सोशल डिस्टेंन्सिंग चालू रखिए।