पटना। बिहार की सियासत के लिए आज का दिन काफी उलटफेर भरा हो सकता है। 5 साल बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक बार फिर पाला बदल सकते हैं। जदयू ने आरसीपी सिंह प्रकरण के बाद मंगलवार को विधायकों और सांसदों की आपात बैठक बुलाई है। बैठक में भाजपा से गठबंधन तोड़ने पर फैसला लिया जा सकता है। ऐहतियात भी बरते जा रहे हैं। विधायकों को मीडिया से बात करने या मीटिंग में फोन ले जाने पर पाबंदी लगा दी गई है।
भाजपा सरकार बचाने में जुटी है। कमान गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली है। शाह ने सोमवार देर रात नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से करीब 6 मिनट तक बातचीत की है। बातचीत क्या हुई, ये अभी सामने नहीं आया है।
बिहार में जेडीयू नेताओं का जुटान सीएम नीतीश कुमार के आवास पर हो रहा है। पार्टी के सभी सांसद सीएम आवास पहुंच रहे हैं। इसबीच जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा का भी बयान सामने आया है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि गठबंधन में सब ठीक है। और हम कोई दावा नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार में पीएम बनने की सारी योग्यताएं हैं। आरसीपी सिंह का बयान बेहद आपत्तिजनक बयान है और उनके मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है।
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वेट एंड वॉच !
उपेंद्र कुशवाहा भले ही सब ऑल इज वेल की बात कर रहे हैं। लेकिन जिसतरह मंगलवार से ही सियासी घटनाक्रम तेज है उसके बाद कहा जा रहा है नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में डील डन हो गया है। महागठबंधन की नई सरकार में सीएम नीतीश कुमार ही रहेंगे। जबकि गृह मंत्रालय तेजस्वी यादव के पास रहेगा। इसपर आरजेडी अभी खुलकर कुछ नहीं बोल रही है। आरजेडी की महत्वपूर्ण बैठक से पहले आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि आरजेडी वेट एंड वॉच की स्थिति में है। आरजेडी की नजर पूरी घटनाक्रम पर है।
आरजेडी की बैठक में वाम विधायक भी शामिल
इधर एकबात और सामने आ रही है कि आरजेडी ने अपने आवास पर बुलाई बैठक में वाम दलों को भी बुलाया है। जिसके बाद राबड़ी आवास पर लेफ्ट पार्टी के विधायक भी जुट रहे हैं। तेजस्वी वाम विधायकों को साथ रखकर अपनी ताकत दिखाना चाह रहे हैं। दरअसल तेजस्वी अपनी ताकत को एकजुट कर एक ही स्थान पर रखने की कोशिश करेंगे। अगर सरकार में बदलाव होता है तो तेजस्वी अपने तमाम सहयोगियों के साथ फैसला ले सकते हैं।