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क्या WhatsApp कॉलिंग के अब देने होंगे पैसे? जानें सरकार का प्लान

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नई दिल्ली। इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp का इस्तेमाल बड़ी संख्या में लोग करते हैं। भारत में ही इसके एक्टिव यूजर्स की संख्या 40 करोड़ से ज्यादा है। क्या हो अगर कल से आपको वॉट्सऐप यूज करने के लिए पैसे देने पड़े। इस बात के कयास नए टेलीकॉम बिल के ड्रॉफ्ट के बाद से लगाए जा रहे हैं। सरकार ने Indian Telecommunication Bill, 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।

बिल का ड्राफ्ट सभी के लिए दूरसंचार विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके साथ ही विभाग ने बिल पर इंडस्ट्री के सुझाव भी मांगे हैं। अगर बिल पास होता है तो दूरसंचार विभाग इसके हिसाब से चलेगा। Indian Telecommunication Bill, 2022 के ड्राफ्ट में कई नई चीजें शामिल की गई हैं।

क्या खत्म हो जाएगी WhatsApp की फ्री सर्विस?

WhatsApp या दूसरे ऐप्स पर कॉलिंग के लिए वैसे भी हमें चार्ज देना होता है। ये चार्ज हम डेटा कॉस्ट के रूप में देते हैं, लेकिन लाइसेस फीस के बाद स्थिति क्या होगी इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।

संभव है कि कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर कोई फीस चार्ज करने लगें या फिर कुछ सर्विसेस को यूज करने के लिए आपको मेंबरशिप लेनी पड़े। इसके अलावा कंपनियां ऐड्स के जरिए भी आपको फ्री सर्विस दे सकती हैं। फिलहाल सरकार ने ड्रॉफ्ट बिल पर लोगों के सुझाव 20 अक्टूबर तक मांगे हैं। इसके बाद ही इस पर कोई स्थिति साफ हो पाएगी।

लेना होगा टेलीकॉम लाइसेंस

इसके मुताबिक WhatsApp, Skype, Zoom, Telegram और Google Duo जैसे कॉलिंग और मैसेजिंग सर्विस ऐप्स को अब लाइसेंस लेना होगा। इन्हें भारत में ऑपरेट करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों की तरह ही लाइसेंस की जरूरत होगी। वहीं OTT प्लेटफॉर्म्स को भी नए टेलीकम्युनिकेशन बिल में शामिल किया गया है।

इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि WhatsApp Calling और दूसरे ऐप्स के लिए लोगों को फीस देनी होगी। क्योंकि इन ऐप्स को ऑपरेशन के लिए अब लाइसेंस की जरूरत है। हालांकि, यह लाइसेंस कैसे मिलेगा और वॉट्सऐप समेत दूसरे ऐप्स के लिए कितने पैसे खर्च करने होंगे इस पर कोई जानकारी नहीं है।

क्या हैं लाइसेंस को लेकर प्रावधान?

सरकार ने इस बिल में लाइसेंस फीस को लेकर भी कुछ प्रावधान जोड़े हैं। इसके तहत सरकार के पास अधिकार है कि वह लाइसेंस फीस को आंशिक या पूरी तरह से माफ कर सकती है। इसके साथ ही रिफंड का भी प्रावधान जोड़ा गया है। अगर कोई टेलीकॉम या इंटरनेट प्रोवाइडर अपना लाइसेंस सरेंडर करता है, तो उसे रिफंड मिल सकता है।

कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं

नए बिल के तहत सभी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइड्स को लाइसेंस लेना होगा और उन्हें टेलीकॉम ऑपरेटर वाले नियमों का पालन करना होगा। पिछले कई साल से टेलीकॉम ऑपेरटर्स इसकी मांग कर रहे थे। इसके अलावा अगर कोई टेलीकॉम कंपनी दिवालिया होती है, तो उसके दिए गए स्पेक्ट्रम का कंट्रोल सरकार के पास होगा।

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