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मां के इस पावन मंदिर में लगता है शराब का भोग

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नवरात्रि 2020

लाइफस्टाइल डेस्क। नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो गई है। देशभर में शारदीय नवरात्रि की धूम मची हुई है। इस साल 17 अक्तूबर से 25 अक्तूबर तक शारदीय नवरात्रि हैं। नवरात्रि के पावन दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा की जाती है। इन दिनों मां को तरह- तरह की चीजों का भोग लगाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों मां धरती में रहती हैं। आज हम आपको मां के एक ऐसी मंदिर के बारे में बताएंगे जहां पर मां को शराब का भोग लगाया जाता है। इस पावन मंदिर में काली मां शराब का प्रसाद ग्रहण करती हैं।

राजस्थान के नागौर जिले में मां भुवाल काली माता का मंदिर है। मां के इस पावन मंदिर में मां को शराब का भोग लगाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस पावन मंदिर में मां ढाई प्याला शराब ग्रहण करती हैं।

मान्यताओं के अनुसार मां के इस पावन धाम में मां को सिर्फ ढाई प्याला शराब का भोग लगाया जाता है। बाकी बची शराब का भोग भैरव बाबा को लगाया जाता है। मां के इस पावन मंदिर का निर्माम डाकूओं ने करवाया था।

इस पावन मंदिर में मां की पूजा काली और ब्राह्मणी स्वरूप में होती है। मां काली को शराब को भोग लगता है और मां ब्राह्मणी को मिठाई का भोग लगाया जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार माता का ये मंदिर बेहद चमत्कारिक है।

इस मंदिर में काली मां को शराब का भोग चांदी के प्याले में लगाया जाता है। मंदिर के पुजारी शराब से ढाई प्याला भरते हैं और प्याले को मां के होठों तक ले जाते हैं। मां को शराब का भोग लगाते समय मां को देखना मना होता है। पुजारी जी भी इस समय मां को नहीं देखते हैं। मां शराब के भोग को ग्रहण करती हैं। प्याले में एक बूंद भी शराब शेष नहीं रहती है।

मां को शराब चढ़ाने का भी एक नियम है। भक्त ने जितना प्रसाद चढ़ाने की मन्नत मांगी होती है, मां को उतना ही प्रसाद चढ़ाना होता है। न कि उससे कम और न ही ज्यादा। मां के इस पावन मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।

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