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नमामि गंगे परियोजना लागू होने से गंगा की अविरलता व निर्मलता में गुणात्मक सुधार : योगी

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार शाम पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि नमामि गंगे परियोजना लागू होने के बाद गंगा की अविरलता व निर्मलता में गुणात्मक सुधार आया है। इसका श्रेय काशी को भी जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नमामि गंगे के माध्यम से गंगा व नदियों के प्रति अपनी संकल्पता भी दिखायी।

दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर आये मुख्यमंत्री नदेसर स्थित तारांकित होटल में एक मीडिया हाउस की ओर से आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में 07 वाटर चैंपियन को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित कर जल सरंक्षण पर खासा जोर दिया।

उन्होंने कोरोना काल के पहले और दूसरे दौर का उल्लेख कर कहा कि कोरोना महामारी से विकसित देश पस्त हो चुके हैं। अमेरिका की आबादी 33 करोड़ है। किंतु कोरोना काल में मौत की दर भारत की अपेक्षा वहां दोगुना रहा। अमेरिका में भारत की अपेक्षा चिकित्सा स्ट्रक्चर काफी अच्छा होने के बावजूद वहां पर मौत की दर भारत की अपेक्षा अधिक रहा। कोरोना प्रबंधन भारत में काफी अच्छा रहा।

मुख्यमंत्री ने इंसेफलाइटिस रोग का जिक्र कर कहा कि प्रदेश में इस रोग से मरने वाले बच्चों में अधिकांश अल्पसंख्यक एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बच्चे रहे, जिन्हें लोगों ने मात्र वोट बैंक बना कर रखा था। प्रदेश सरकार ने इंसेफलाइटिस रोग पर पूरी तरह नियंत्रण पाया और 98 फ़ीसदी बच्चों के मौतों को रोका।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में स्वच्छता अभियान चलाया। लेकिन उत्तर प्रदेश में घर-घर शौचालय बनाने की अभियान में तत्कालीन सरकार की कोई रुचि नहीं रही। जिस कारण 02 करोड़ 61 लाख बनने वाले शौचालयों में से 2.5 वर्ष में मात्र 43000 शौचालय बने। 2017 में उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनने पर मात्र डेढ़ वर्ष में ही शत-प्रतिशत घर-घर शौचालय बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया।

मुख्यमंत्री ने गंगा की निर्मलता एवं अविरलता को लेकर कहा कि 2013 में मॉरीशस के प्रधानमंत्री भारत आए थे और उस समय प्रयागराज में कुंभ चल रहा था, किंतु वहां पर पानी की गुणवत्ता एवं अव्यवस्था को देखकर उन्होंने बगैर गंगा में स्नान व आचमन किये बगैर ही वापस चले गए। किंतु वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम में जब वे यहां पर आए। कुंभ में आने के लिए सरकार के आमंत्रण पर वे प्रयागराज गए और वहां की व्यवस्था एवं त्रिवेणी के पानी की गुणवत्ता को देख आश्चर्य व्यक्त किया और उन्होंने गंगा में आचमन भी किया और स्नान भी किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्लास्टिक को बैन करने से पर्यावरण की साथ-साथ कुम्हारों के जीवन में भी बड़ी परिवर्तन आया है। इससे मिट्टी के बर्तन की खपत जहां बड़ी है, वहीं पर्यावरण में भी गुणात्मक सुधार हुआ है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ उनके सहयोगी कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, पर्यटन मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी, राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल भी मौजूद रहे।

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