उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पांच बार विधानसभा सदस्य रहे अजय राय की सुरक्षा और निजी शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करना योगी सरकार की कांग्रेस नेताओं प्रति विद्वेषपूर्ण रवैये का द्योतक है।
श्री लल्लू ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर श्री राय की सुरक्षा को लेकर चिन्ता व्यक्त करते हुए सुरक्षा व्यवस्था हटाने एवं शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने पर गंभीर सवाल उठाये हैं तथा अविलम्ब सुरक्षा व्यवस्था बहाल किये जाने एवं शस्त्र लाइसेंस पुनः जारी किये जाने की मांग की है।
उन्होने कहा कि योगी सरकार कांग्रेस की आवाज को येन-केन-प्रकारेण दबाना चाहती है। जनप्रतिनिधि रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की सुरक्षा एवं व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस निरस्त करना इसका जीता-जागता उदाहरण है। आज पूरे प्रदेश में कांग्रेस की आवाज को बलपूर्वक दबाया जा रहा है और लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।
योगी सरकार ने कांग्रेस नेता अजय राय की हटाई सुरक्षा, शस्त्र लाइसेंस भी किया निरस्त
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने जघन्य अपराधों जैसे हत्या आदि के मामलों में गवाहों की सुरक्षा को लेकर वर्ष 2018 के गवाह संरक्षण योजना का खुला उल्लंघन योगी सरकार कर रही है। श्री राय अपने भाई की हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा हटाना और उनके निजी शस्त्र लाइसेंस निरस्त करना उच्चतम न्यायालय के उक्त निर्देश की अवहेलना है। यह भी उल्लेखनीय है कि श्री राय को प्रदेश सरकार ने दस प्रतिशत निजी व्यय पर सुरक्षा उपलब्ध कराई थी।
श्री लल्लू ने कहा कि पुलिस उपाधीक्षक, प्रज्ञान वाराणसी नेे 31 मार्च को पत्र लिखकर वाराणसी पुलिस को आख्या भेजी कि श्री राय को सुरक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है। इसी आधार पर इसी माह अप्रैल में पुलिस उपायुक्त वाराणसी ने स्पेशल जज एमपी/एमएलए इलाहाबाद को पत्र के माध्यम से राय की सुरक्षा हटाये जाने की सूचना देते हुए उन्हे वाराणसी से न्यायालय तक आने-जाने तक ही सुरक्षा देने का निर्णय लिया है जो पूरी तरह योगी सरकार के इशारे पर किसी भी राजनीतिक दल के जनप्रतिनिधि की जानमाल के साथ खिलवाड़ है।