Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

इनके बिना अधूरी है निर्जला एकादशी की पूजा, यहां देखें पूरी लिस्ट

Nirjala Ekadashi

Nirjala Ekadashi

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के नाम से जाना जाता है, हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। पंचांग के अनुसार, वर्षभर में कुल 24 एकादशियां आती हैं, लेकिन इन सभी में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। यह एकादशी व्रतों में सबसे कठिन और पुण्यदायक मानी जाती है, क्योंकि इसमें जल तक ग्रहण नहीं किया जाता है।

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) व्रत कब रखा जाएगा?

पंचाग के अनुसार, 6 जून को एकादशी व्रत हस्त नक्षत्र में रखा जाएगा। वहीं, 7 जून को निर्जला एकादशी व्रत चित्रा नक्षत्र में किया जाएगा। निर्जला एकादशी का यह संयोग बेहद पुण्यदायी माना जा रहा है। 6 जून को गृहस्थ व्रती व्रत करेंगे। वहीं, 7 जून को वैष्णव संप्रदाय यानी साधु-संत व्रत रखेंगे।

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) की पूजा थाली में जरूर रखें ये सब चीजें?

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर

पूजा की शुरुआत भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने ही होती है। इसलिए, थाली में इनकी तस्वीर जरूर होनी चाहिए।

चौकी और पीला वस्त्र

भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए, पूजा के लिए एक चौकी स्थापित करें और उस पर पीला वस्त्र जरूर बिछाएं।

फल और फूल

भगवान को फल और फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। केले, आम, और मौसमी फल के साथ कमल या गुलाब जैसे फूल पूजा की थाली में अवश्य रखें।

तुलसी दल

भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी दल का विशेष महत्व है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

धूप, दीप और घी

पूजा में धूप और दीप जलाना और घी अर्पित करना महत्वपूर्ण है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

पीला चंदन और अक्षत

भगवान विष्णु को पीला चंदन लगाएं और अक्षत (चावल) अर्पित करें।

नारियल और सुपारी

पूजा की थाली में नारियल और सुपारी रखना भी शुभ माना जाता है।

लौंग और इलायची

पूजा में लौंग और इलायची का प्रयोग भी किया जाता है।

मिठाई और पंचमेवा

भगवान को भोग लगाने के लिए मिठाई और पंचमेवा यानी पांच प्रकार के सूखे मेवे थाली में जरूर रखें।

माता लक्ष्मी के श्रृंगार की सामग्री

यदि आप मां लक्ष्मी की भी पूजा कर रहे हैं, तो उनकी श्रृंगार की सामग्री जैसे बिंदी, सिंदूर आदि भी थाली में रखें।

कलश और जल

पूजा में कलश स्थापित करना और उसमें जल भरकर रखना जरूरी होता है।

Exit mobile version