पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर जिले में जातीय पंचों ने पीड़ित दंपति को 11 लाख रुपये जुर्माना भरने का फरमान सुनाते हुए एक दंपति का हुक्का पानी बंद कर उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया है। पीड़ित दंपति और उसका परिवार न्याय के लिए बाड़मेर पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं। पीड़ितों ने इस संबंध में 35 नामजद सहित अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
मामला बाड़मेर जिले के सेड़वा थाना इलाके के भंवार गांव से जुड़ा है। यहां के एक महिला को दूसरी शादी करना उस वक्त महंगा पड़ गया जब तथाकथित जातीय पंचों ने उसे 11 लाख का आर्थिक दंड भरने का फैसला सुना दिया। जानकारी के मुताबिक भंवार निवासी समजू ने इस संबंध में जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। उसने बताया कि वर्ष 2020 में उसकी शादी वेरशीराम से हुई है। उसकी पहली शादी श्रवण कुमार से हुई थी लेकिन वह रेप केस के आरोप में जेल में है।
पति श्रवण कुमार के जेल जाने के बाद उसने उससे तलाक लेकर दूसरी शादी कर ली। लेकिन यह शादी उसके पीहर पक्ष को नागवार गुजरी। उसकी इस शादी के बाद 35 जातीय पंचों ने तिलोकाराम की अगुवाई में तुगलकी फरमान सुनाते हुए 11 लाख रुपये का अर्थदंड भरने का आदेश दिया है। पीड़िता का कहना है कि वह और उसका पति ये जुर्माना राशि भरने में सक्षम नहीं हैं। इस पर उन्हें समाज से बाहर कर दिया गया है।
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दर-दर की ठोकरे खाने के बाद पीड़िता अपने परिवार के साथ सेड़वा थाने पहुची और मामला दर्ज करवाया। सेड़वा पुलिस थाना में धारा 384 के तहत मामला दर्ज कर जांच तो शुरू की लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इस पर पीड़िता बाड़मेर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देने पहुंची। पीड़िता समजू व वैरशीराम के मुताबिक उन्हें समाज से बहिष्कृत कर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। गरीब परिवार होने से 11 लाख रुपये भरने में असमर्थता जताने पर समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर दिया गया है।
इस बारे में बाड़मेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपत सिंह का कहना है कि पीड़ित परिवार ने 18 अक्टूबर को सेड़वा थाने में मामला दर्ज करवाया था। पूरे प्रकरण की तथ्यता की जांच करवाकर जल्द अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।