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महिलाएं पैसे को अब रसोई के डिब्बे में नहीं, बैंक खाते में रखती हैं : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि जब नारी सशक्त होती है तो परिवार ही नहीं देश और समाज भी सशक्त होता है।

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिये ‘आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद’ कार्यक्रम में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों से संवाद करते हुए यह बात कही।

प्रधानमंत्री ने कहा पहले अधिकांश महिलाएं पैसे को रसोई के डिब्बे में रखती थीं लेकिन जब हमारी सरकार आई तो हमने देखा कि देश की करोड़ों बहनें ऐसी थीं जिनके पास बैंक खाता तक नहीं था, जो बैंकिंग सिस्टम से कोसों दूर थीं। इसलिए हमने सबसे पहले जनधन खाते खोलने का बहुत बड़ा अभियान शुरू किया। पीएम मोदी ने कहा कि 42 करोड़ से अधिक जन धन बैंक खाते हैं, जिनमें से 55 फीसदी महिलाओं के पास हैं। इन खातों में हजारों करोड़ हैं। हमने न सिर्फ बैंक खाते खोले, बल्कि कर्ज भी आसान किया।

प्रधानमंत्री से अपना अनुभव साझा करते हुए मध्य प्रदेश की चंपा सिंह ने कहा कि कृषि सखी का प्रशिक्षण लेने से उन्हें न केवल रोजगार मिला है बल्कि वह किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इससे कम लागत में किसान अधिक उपज पैदा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस काम को प्रौद्योगिकी के माध्यम से और अधिक विस्तार देने की सलाह देते हुए कहा कि आपको ऑनलाइन भी अभियान चलाना चाहिए।

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ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गांव की गरीब महिलाओं के सपनों को उड़ान मिली है। आज यह 80 प्रतिशत गांवों तक पहुंच गया है। 2013-14 में यह मात्र 2 करोड़ 35 लाख एसएजी में थीं जबकि सात करोड़ 66 लाख महिलाएं इससे जुड़ी हैं। इससे उन्हें बैंको से कर्ज की उपलब्धता भी चार गुना बढ़ी है। यह आंकड़ा 2013-14 में जहां 80 हजार करोड़ रुपये था वहीं आज तीन लाख 85 हजार करोड़ है।

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