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इस उम्र की महिलाओं में कोविड का खतरा सबसे ज्यादा

Desk by Desk
08/12/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, फैशन/शैली
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corona virus

corona virus

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लाइफ़स्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस को लेकर किए जा रहे शोध में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में हुए एक शोध में कोरोनावायरस से जुड़ा एक और खुलासा किया गया है। इस शोध की मानें तो उम्रदराज महिलाओं में कोरोनावायरस का खतरा सबसे ज्यादा बना रहता है।

कोरोना वायरस से जुड़े इस अध्ययन में पाया गया है कि महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद उनके सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। जिसकी वजह से उनमें ‘लॉग कोविड’ के लक्षण विकसित होने का खतरा अधिक बना रहता है।

किंग्स कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने जब रजोनिवृत्ति और कोविड -19 के बीच संभावित लिंक ढ़ूढ़ने की कोशिश की तो उन्हें पता लगा कि एस्ट्रोजन हार्मोन के कम स्तर वाली महिलाओं में वायरस के जोखिम का खतरा अधिक बना हुआ है।

कोरोनावायरस का महिलाओं पर असर जांचने के लिए किया गया यह अध्ययन मई और जून के बीच यूके में किया गया। इसमें 500,000 से अधिक महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण शामिल किया गया।  इस अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने गर्भनिरोधक गोली (सीओसीपी) और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) लेने वाली दोनों रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाएं औऱ पहले की महिलाओं के बारे में बात की।

इस अध्ययन के शुरूआती चरण में बताया गया कि 45-50 वर्ष की आयु वाली महिलाएं या फिर जो रजोनिवृत्ति के दौर से गुजर रही हैं उनमें दूसरी महिलाओं की तुलना में कोरोनोवायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा बना हुआ होता है।

अध्ययन में यह भी बताया गया है कि इस आयु वर्ग की महिलाओं में एनोस्मिया, बुखार और लगातार खांसी जैसे लक्षण और अस्पताल में उपचार के दौरान ऑक्सीजन की आवश्यकता भी होती है। अध्ययन में यह भी देखा गया कि सीओसीपी का उपयोग करने वाली महिलाएं जिनकी उम्र 18-45 के बीच थी, उनमें अनुमानित कोरोनावायरस से प्रभावित होने और अस्पताल में भर्ती होने की दर काफी कम देखी गई। इस रिसर्च में पता चला कि महिलाओं के सेक्स हार्मोन इस बीमारी से बचाव के रूप में काम कर सकता है।

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