देश में महिलाओं के साथ बढ़ती छेड़खानी और रेप जैसी घटनाओं के कारण आधी आबादी असुरक्षित महसूस कर रही है। सुरक्षा के लिहाज से महिलाओं को शस्त्र लाइसेंस देने की मांग जोर पकड़ने लगी है तो कई जगह लड़कियां और महिलाएं शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन भी करने लगी हैं। गुजरात के राजकोट में भी मंगलवार को 60 लड़कियों ने शस्त्र लाइसेंस की मांग को लेकर ज्ञापन दिया।
गुजरात के राजकोट में शस्त्र लाइसेंस के लिए ज्ञापन देने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची 15 साल की मितल केशुभाई परमार ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए साफ शब्दों में कहा कि यदि आप हमारी सुरक्षा नहीं कर पा रहे तो हमसे कह दो। हम अपनी सुरक्षा खुद कर लेंगे। किशोरी ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन दिया, जिसमें सरकार से अपनी सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस निर्गत करने की मांग की गई है।
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मितल बाई ने कहा कि कि यदि सरकार से कुछ नहीं हो रहा है तो हमें छोड़ दिया जाए, हम अपनी सुरक्षा खुद कर लेंगे। इस देश में और फूलन देवी बनाने की कोशिश न की जाए। उन्होंने कहा कि हाथरस जैसी गैंगरेप जैसी घटना न हो, इसका हमें डर बना रहता है। यदि पास असलहा रहे तो इस तरह की विषम परिस्थिति में महिलाएं और लड़कियां अपनी रक्षा कर सकती हैं। इसीलिए शस्त्र लाइसेंस की मांग की जा रही है।
मितल ने कहा कि हमें अपनी सुरक्षा खुद करनी है और इसके लिए हम ऐसा संगठन बनाएंगे, जिसमें महिलाओं की समस्या को लेकर 24 घंटे समाधान का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश ऐसा संगठन खड़ा करने की है, जो महिलाओं को रात के समय अकेले होने की स्थिति में भी घर पहुंचने में मदद करेगा। मितल ने साथ ही कहा कि यह काम पुलिस और सरकार का है, लेकिन वे इसमें नाकाम हैं।
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ज्ञापन देने पहुंची मितल के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और लड़कियां थीं। ज्ञापन में एक फोन कॉल पर पुलिस के सुरक्षा के लिए पहुंच जाने के दावे को झूठा बताते हुए किशोरी ने कहा है कि वर्तमान हालात को देखते हुए हमारे पास अपनी सुरक्षा के लिए हथियार का होना बहुत जरूरी है, जिससे कोई अपराधी इस तरह की हरकत न कर सके। ज्ञापन में तुरंत ही असलहे का लाइसेंस देने की मंजूरी दिए जाने की मांग की गई है।