गुरुवार (Thursday) के दिन विष्णु भगवान (Lord Vishnu) की स्तुति की जाती है, इससे जुड़ी हुई कुछ मान्यताएं हैं जिसके अनुसार कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जो इस दिन नहीं करने चाहिए। तो आइए, जानते हैं कौन से हैं वो काम, जिन्हें गुरुवार के दिन नहीं करना चाहिए-
घर के इन कामों से बचें
जिस तरह हमारे शरीर से संबंधित काम करने से बृहस्पति ग्रह उसी तरह घर में कपड़े धोना, पोंछा लगाना, कबाड़ बाहर निकलना आदि आपके बृहस्पति ग्रह पर अधिक प्रभाव डालता है।
वास्तु के अनुसार माना जाता है कि हमारे घर की दिशा ईशान कोण जिसका गुरु बृहस्पति ग्रह होता है। साथ ही इस दिशा का संबंध परिवार के बच्चों, शिक्षा और धर्म का होता है।इसलिए ये काम नहीं करना चाहिए।नहीं तो आपकी संतान, शिक्षा और धर्म में अशुभ प्रभाव पड़ता है।
महिलाएं न धुले अपने बाल
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन महिलाओं को अपने बाल नहीं धोने चाहिए, क्योंकि महिलाओं की जन्मकुंडली में बृहस्पति पति का कारक होता है। साथ ही संतान का भी कारक होता है।
जिसके कारण इस दिन बाल धोने से बृहस्पति ग्रह कमजोर होता है। जिससे शुभ काम होने में अड़चन और हमेशा बीमारी बनी रहती है, इसीलिए इस दिन बाल भी नहीं कटवाना चाहिए जिसका असर संतान और पति के जीवन पर पड़ता है। उनकी उन्नति बाधित होती है।
जानवरों को मारने से बचें
बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो जानवरों को बहुत ही तुच्छ समझते हैं लेकिन ऐसे लोगों को यह बात समझनी होगी कि जानवरों और पक्षियों को भी भगवान ने बनाया है, ऐसे में उन्हें मारने से न सिर्फ पाप लगता है बल्कि इससे आप आने वाले जन्मों में दुख लिखवा लेते हैं, इसलिए जानवरों को कभी नहीं मारना चाहिए।
चाहे दिन कोई भी हो। आप गुरुवार के लिए जानवरों को रोटी खिलाने के साथ प्रण ले सकते हैं कि आप उनपर कभी अत्याचार नहीं करेंगे।
काले रंग के वस्त्र न पहनें
इस दिन कोशिश करनी चाहिए कि आप काले रंग के वस्त्र न पहनें बल्कि पीले रंग के कपड़ें पहनें इससे आपके अंदर सकारात्मकता का संचार होगा। आप शनिवार के दिन काले वस्त्र पहन सकते हैं। गुरुवार के दिन काले वस्त्र पहनें।
गुरुवार पूजन विधि
गुरुवार के दिन सुबह स्नान करके गुरुवार देव की पूजा करें। पूजन में पीली वस्तुएं, पीले फूल, चने की दाल, मुनक्का, पीली मिठाई, पीले चावल और हल्दी चढ़ाएं। इस दिन केले के पेड़ की भी पूजा की जाती है।
कथा पढ़ते और पूजन के समय सच्चे मन से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें। जल में हल्दी डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाएं और केले की जड़ में चने की दाल और मुनक्का चढ़ाएं। इसके पास ही दीपक जलाकर पेड़ की आरती करें। गुरुवार के व्रत में दिन में एक समय ही भोजन करना चाहिए। पूजन के बाद भगवान गुरुवार की कथा सुननी चाहिए।