नई दिल्ली। मोदी सरकार बुधवार को महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill) को लोकसभा में पारित कराने में सफल रही। लोकसभा में इस बिल के समर्थन में 454 वोट पड़े, जबकि विरोध में सिर्फ 2 वोट पड़े। जिसके बाद राज्यसभा में गुरुवार को इस बिल को पेश किया जाएगा और इस बिल पर चर्चा होगी। इसके बाद बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा।
इससे पहले बुधवार को लोकसभा में 8 घंटे तक चली लंबी बहस के बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम (Nari Shakti Vandan Act) पास हो गया। इस बिल के तहत लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है।
‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ लोकसभा में पास, पक्ष में पड़े 454 वोट
एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने महिला आरक्षण बिल के विरोध में वोट किया। वहीं, बिल के पास होने के बाद ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच श्रेय लेनी होड़ मच गयी है।
राज्यसभा में स्थिति
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill) को पारित करवाने के लिए सरकार को 160 वोट की जरूरत होगी। उच्च सदन में वर्तमान समय में कुल 240 सांसद हैं, जबकि 5 सीट अभी खाली हैं। वहीं, राज्यसभा में एनडीए के 114 सांसद और इंडिया गठबंधन के 98 सांसद हैं जबकि अन्य सांसदों की संख्या 28 है।