Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

World No Tobacco Day: आपको मौत के मुंह में ले जाती है तंबाकू की लत!

world no tobacco day

world no tobacco day

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनियाभर में हर साल 31 मई को नो टोबैको डे यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है। इस दिन तंबाकू या इसके उत्पादों के उपभोग पर रोक लगाने या इस्तेमाल को कम करने के लिए लोगों को जागरुक किया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के बारे में सचेत करना है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तंबाकू के सेवन के कारण हर साल 10 मिलियन से ज़्यादा मौतें होती हैं और दुनिया के 12 फीसदी धूम्रपान करने वाले भारत में ही रहते हैं। तंबाकू उत्पाद कैंसर, फेफड़े की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं।

तंबाकू के कारण होने वाली बीमारियों और मौतों को देखते हुए साल 1987 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने संकल्प WHA40.38 पारित किया था जिसमें इस दिन को 7 अप्रैल को मनाने का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन सर्व सहमति से साल 1988 में संकल्प WHA42.19 पारित किया गया और विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day)  को मनाने के लिए 31 मई की तिथि निर्धारित की गई। तब से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है।

तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करने के लिए तब से हर साल इस दिन जागरुकता अभियान चलाया जाता है। हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इसकी थीम निर्धारित की जाती है। साल 2022 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day)  की थीम है ‘पर्यावरण की रक्षा करें’। आज इस मौके पर हम आपको बताते हैं तंबाकू से होने वाले उस नुकसान के बारे में, जिसे जानने के बाद आप भी निश्चित रूप से इसे छोड़ने का प्रण ले ही लेंगे।

जानिए किस तरह मौत के मुंह में धकेलती है तंबाकू

– स्मोकिंग फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसके अलावा जो लोग सिगार, हुक्का या पाइप के जरिए तम्बाकू का सेवन करते हैं, उनमें भी फेफड़ों के कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। दरअसल सिगरेट या तंबाकू में निकोटीन नाम का एक पदार्थ पाया जाता है। जो हमें इसका आदी बनाता है। इसे लेने से हमें कुछ समय के लिए काफी अच्छा महसूस होता है। लेकिन जब मस्तिष्क को निकोटीन प्राप्त नहीं होता, तो अलग सी बेचैनी बढ़ जाती है और स्वभाव में गुस्सा और चिड़चिड़ापन आता है। मस्तिष्क को संतुष्ट करने के लिए व्यक्ति बार बार सिगरेट पीता है और इसका आदी बन जाता है। सिगरेट लेते लेते वो कब घातक बीमारियों की चपेट में आ जाता है, ये जान ही नहीं पाता।

– जो लोग सिगरेट की बजाय तंबाकू को चबाकर खाते हैं, उनमें मुंह का कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी शहर की तंबाकू विश्व प्रसिद्ध है। मैनपुरी में छोटी उम्र से ही बच्चों को तंबाकू का सेवन करने की लत लग जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि विश्व में मुंह के कैंसर के सर्वाधिक मरीज मैनपुरी में ही पाए जाते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो तंबाकू सिर्फ मुंह के कैंसर के लिए ही जिम्मेदार नहीं होती, बल्कि खाने की नली और गले के कैंसर की वजह भी बनती है।

एसिडिटी की समस्या को इग्नोर करना हो सकता है खतरनाक

– स्मोकिंग और तंबाकू के सेवन से दिल की बीमारी होने का खतरा दो से चार गुना तक बढ़ जाता है। सिगरेट तो व्यक्ति के मस्तिष्क को प्रभावित करती है। इसके कारण डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसे रोग होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा ये महिलाओं की प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करती है।

– स्मोकिंग से सिर्फ फेफड़े के कैंसर का ही रिस्क नहीं बढ़ता, बल्कि ये लिवर, अग्न्याशय, पेट आदि शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर को पैदा कर सकती है। इसके अलावा सिगरेट या तंबाकू के सेवन से लकवा, डायबिटीज और गठिया जैसी बीमारियों की आशंका भी काफी बढ़ जाती है।

प्रेगनेंसी में इस बोतल से पानी पीना हो सकता है खतरनाक

– सिगरेट के धुएं में आर्सेनिक, फार्मलाडिहाइड और अमोनिया जैसे हानिकारक केमिकल्स पाए जाते हैं, जो न सिर्फ पीने वाले को, बल्कि धुएं के जरिए उसके आसपास रहने वालों को भी प्रभावित करते हैं। ऐसे में सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने वाले व्यक्ति में भी इन बीमारियों की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। ये रसायन व्यक्ति के खून में मिलकर शरीर के तमाम अंगों के अलावा आंखों के नाजुक ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे रेटीना की कोशिकाओं की संरचना प्रभावित हो सकती है।

Exit mobile version