अमावस्या की तिथि पितरों की पूजा के लिए समर्पित मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किया जाता है। इसके अलावा यह दिन गंगा नदी में स्नान करने और दान के लिए भी शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने पर शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
पितृ दोष उपाय
वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya) के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद 11 बार परिक्रमा करें। फिर घर की दक्षिण दिशा में एक मुट्ठी तिल सरसों के तेल में भिगोकर रख दें। बता दें कि यह दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है, इसलिए इस उपाय को करने के पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पितृ स्तोत्र व श्रीमद्भागवत कथा का पाठ
मान्यता है कि वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya) के दिन पितृ स्तोत्र और श्रीमद्भागवत कथा का पाठ करना या सुनना चाहिए। इस प्रकार पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है। यह दिन विष्णु पूजा के लिए भी शुभ माना जाता है।
पशु-पक्षियों की सेवा
कहा जाता है कि वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya) के दिन गाय, कौआ, कुत्ता, पक्षी आदि जीवों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने उन्हें संतुष्टि मिलती है और पितर भी प्रसन्न होते हैं। इस दिन इन जीवों को कुछ न कुछ जरूर खिलाएं। इससे आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।