Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

धनतेरस पर इस मुहूर्त में करें पूजा, जानें इसका धार्मिक महत्व

Dhanteras

Dhanteras

धनतेरस (Dhanteras) से दीपावली का त्योहार शुरू हो जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। इन दिन भगवान कुबेर के साथ धन की देवी लक्ष्मी की आराधना की जाती है। साथ ही धनतेरस के दिन सोने और चांदी के साथ-साथ बर्तन खरीदने शुभ माना जाता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे यहां बता रहे हैं कि इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा कैसे की जाती है।

धनतेरस (Dhanteras) को लेकर ये है धार्मिक मान्यता

हर साल धनतेरस का त्योहार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाई है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन यदि किसी वस्तु की खरीदी की जाती है तो उसमें 13 गुना के बराबर फल मिलता है। श्रद्धालुओं को पूरे साल धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।

धनतेरस (Dhanteras) पर्व का पौराणिक महत्व

पौराणिक कथा के मुताबिक, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे। इन्हें भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है। धनतेरस का त्योहार भगवान धन्वंतरि के प्राकट्योत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।

धनतेरस (Dhanteras) पूजन का शुभ मुहूर्त

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 10 नवंबर को दोपहर में 12.35 मिनट से होगा। य‍ह तिथि 11 नवंबर को दोपहर में 1.57 मिनट तक रहेगी। धनतेरस के दिन शाम को प्रदोष काल में गणेश, लक्ष्‍मी और कुबेर देवताजी के पूजा की जाती है। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5.47 से शुरू होगा और यह शाम को 7.47 मिनट तक रहेगा। ऐसे में धनतेरस पर पूजा के शुभ मुहूर्त सिर्फ 1 घंटा 56 मिनट के लिए रहेगा।

Exit mobile version