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विनायक चतुर्थी पर इन शुभ मुहूर्त में करें बप्पा की पूजा, पूर्ण होंगी सभी मनोकामनाएं

Vinayaka Chaturthi

Vinayaka Chaturthi

हिंदू धर्म में हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित मानी जाती है। इस चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) के नाम से जाना जाता है। शुक्ल पक्ष में चतुर्थी तिथि आती है, तो उसे विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi)  कहा जाता है। इस पवित्र तिथि पर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। ऐसा करने से सुख-समृद्धि आती है। जीवन में चल रही परेशानियों से भी राहत मिलती है।

विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) तिथि 2024

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 9 जुलाई दिन मंगलवार को सुबह 6 बजकर 08 मिनट पर होगा और समापन 10 जुलाई दिन बुधवार को सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, विनायक चतुर्थी व्रत 9 जुलाई को रखा जाएगा।

पूजा के लिए शुभ समय

इस दिन पूजा के लिए शुभ समय 11.03 बजे से शुरू होगा, जो कि दोपहर 1.50 बजे तक रहेगा।
विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) के व्रत वाले दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग, सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा।
विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi)  पर रवि योग सुबह 7.52 बजे से अगले दिन 10 जुलाई को सुबह 5.31 बजे तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5.30 बजे से 7.52 बजे तक है। व्रत के दिन आश्लेषा नक्षत्र सुबह 7.52 बजे तक है। उसके बाद मघा नक्षत्र होगा।

विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi)  की पूजा विधि

– विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल वस्त्र पहनें।
– भगवान सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
– भगवान गणेश के मंदिर में जटा वाला नारियल और मोदक चढ़ाएं।
– इसके बाद गुलाब के फूल और दूर्वा चढ़ाएं।
– 27 बार ओम गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें और धूप-दीप अर्पित करें।
– दोपहर की पूजा के समय अपनी क्षमता के अनुसार पीतल, तांबा, मिट्टी, सोने या चांदी से बनी गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
– श्री गणेश की पूजा और आरती करें और बच्चों को भोग में चढ़ाएं मोदक बाटें।
– विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi)  पर विधि-विधान से दो बार बप्पा की पूजा करनी चाहिए। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
– गणेश जी के मंत्र की एक माला का जाप अवश्य करें।

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