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काल भैरव जयंती पर इस मंत्र और आरती से करें देव की आराधना

kaal bhairav

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धर्म डेस्क। हिन्दू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनायी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव जी का अवतरण हुआ था। आइए जानते हैं काल भैरव जयंती का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

काल भैरव की पूजा विधि

काल भैरव आरती

जय भैरव देवा, प्रभु जय भैंरव देवा।

जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।

तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।

भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।

वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।

महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।।

तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे।

चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।।

तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।

कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।।

पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।।

बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।।

बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें।

कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें।।

भैरव जयंती पर करें ये उपाय

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