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बसंत पंचमी के दिन ऐसे करें मां शारदा की पूजा, मिलता है ज्ञानी होने का आर्शिवाद

Basant Panchami

Basant Panchami

बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन को  विद्या की देवी मां शारदा की विशेष पूजा की जाती है। मां सरस्वती को विद्याए बुद्धि, संगीत, कला और ज्ञान की देवी माना जाता है। इस दिन मां सरस्वती से विद्या, बुद्धि, कला और ज्ञान का वरदान मांगा जाता है। मां सरस्वती को पीला रंग बहुत प्रिय है। हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी (Basant Panchami) , माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर प्रत्येक वर्ष मनायी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने पर बच्चे और बड़ों को विद्या का वरदान मिलता है और बुद्धि आती है।

इस दिन विद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में विशेषकर मां सरस्वती की पूजा होती है, हवन होता है और पीले फूलों से साज-सज्जा की जाती है।यह दिन शिक्षा और कला जगत के लिए विशेष होता है। आज के दिन शिक्षा सामग्री की भी पूजा की जाती है। पूजा के समय पीले पुष्प को देवी मां को अर्पित किया जाता है। इस दिन बच्चों को खासतौर से पीले वस्त्र धारण करने के लिए कहा जाता है। जानिए साल 2024 में किस दिन मनाई जाएगी बसंत पंचमी और किस तरह किया जा सकता है मां सरस्वती का पूजन।

पंचांग के अनुसार, माघ मास की पंचमी तिथि 13 फरवरी, मंगलवार की दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 14 फरवरी, बुधवार दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में बसंत पंचमी 14 फरवरी के दिन मनाई जाएगी।

मां सरस्वती के मंत्र (Maa Saraswati Ke Mantra)

1. ‘ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।’
2. सरस्वती गायत्री मंत्र : ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्‌।’
3. नमस्ते शारदे देवी, काश्मीरपुर वासिनी,
त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में,
कंबू कंठी सुताम्रोष्ठी सर्वाभरणंभूषिता,
महासरस्वती देवी, जिव्हाग्रे सन्नी विश्यताम् ।।
शारदायै नमस्तुभ्यं , मम ह्रदय प्रवेशिनी,
परीक्षायां समुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।।

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