आषाढ़ शुक्ल की देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी (Dev uthani Ekadashi) के दिन भगवान फिर से निद्रा से जागते हैं। इस बार अधिकमास के कारण चातुर्मास 5 महीने तक रहा। इसका मतलब यह है कि इस बार भगवान विष्णु 5 महीने बाद योग निद्रा से जागेंगे। ऐसे में आप देवशयनी एकादशी की विधि-विधान से पूजा करके भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
देवउठनी एकादशी (Dev uthani Ekadashi) पूजा-विधि
देवउठनी एकादशी (Dev uthani Ekadashi) के दिन सूर्योदय से पहले उठें। फिर स्नान करें। पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें। इस दिन अपने आंगन में भगवान विष्णु के पैरों के निशान बनाएं और उन्हें ढक दें।
एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूजा के दौरान गन्ना, सिंघाड़ा आदि फल भगवान विष्णु को चढ़ाएं। भगवान विष्णु को जनेऊ और नए वस्त्र भी अर्पित करें।
रात्रि के समय अपने पूजा स्थल और घर के बाहर दीपक जलाएं। रात में पूरे परिवार के साथ भगवान विष्णु और उनके पदचिन्हों की पूजा करें। इसके अलावा भगवान को जगाने के लिए घंटे, घड़ी और शंख की ध्वनि करते हुए, अंत में देवउठनी एकादशी की कथा सुनें।