लाइफ़स्टाइल डेस्क। वास्तु शास्त्र में आज सही विधि से वृक्षों को काटने के बारे में। किसी भी वृक्ष को काटे जाने के लिये मृगशिरापुनर्वसु, अनुराधा, हस्त, मूल, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, स्वाति और श्रवण नक्षत्र शुभ होते हैं। इन्हीं नक्षत्रों में से किसी भी एक नक्षत्र में पेड़ काटे जा सकते हैं।
किसी भी पेड़ को काटने से पहले उसकी विधि-पूर्वक पूजा जरूर करनी चाहिए। इसके लिये सबसे पहले गन्ध, पुष्प और नैवेद्य से वृक्ष की पूजा करें। फिर उसके तने को साफ वस्त्र से ढक्कर, उस पर सफेद रंग का सूत लपेट दें। फिर वृक्ष से प्रार्थना करें कि इस वृक्ष पर जो प्राणी वास करते हैं, उनका कल्याण हो, उन्हें मेरा नमस्कार है।
आप मेरे दिये हुए उपहार को ग्रहण कर, अपने वास स्थान को किसी अन्य जगह पर ले जायें। साथ ही कहें- हे वृक्षों में श्रेष्ठ। आपका कल्याण हो। गृह और अन्य कार्यों के निमित्त मेरी यह पूजा स्वीकार करें। इस प्रकार पूजा आदि के बाद जल से वृक्ष को सींचकर मधु और घी लगे कुल्हाड़े से पूर्व से उत्तर दिशा की तरफ पेड़ के चारों ओर घूमने के क्रम में भली प्रकार उस वृक्ष को काटें। वृक्ष को गोलाई में काटना चाहिए और फिर उसके गिरने को देखना चाहिए।