हिंदू धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन विशेष महत्व रखता हैं जो कि किसी ना किसी देवी-देवता को समर्पित होता हैं और उस दिन उनकी पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता हैं। आज बुधवार हैं जो कि गणपति जी (Ganesha) को समर्पित हैं। गणपति जी को विघ्नहर्ता कहा जाता हैं और हर काम की शुरुआत से पहले उनकी पूजा की जाती हैं।
आज के दिन भगवान गणेश (Ganesha) का पूजन और व्रत रखकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता हैं। यदि अत्यधिक कर्ज के कारण परेशान हैं या लगातार व्यापार में घाटा हो रहा है या फिर परिवार में नकारात्मकता के कारण कलह की स्थिति रहती है। त्वचा संबंधी रोगों से परेशान हैं तो इन सब परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए बुधवार का व्रत बहुत लाभकारी रहता है।
बुधवार के दिन यदि विधि-विधान से श्रद्धा पूर्वक व्रत किया जाएं तो इससे बुध ग्रह तो अनुकूल होता ही है साथ ही भगवान गणेश की कृपा से आपके जीवन की सभी विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं। परिवार में सुख-समृद्धि, शांति और शुभता का वास होता है। किसी भी माह में शुक्ल पक्ष के बुधवार से व्रत आरंभ कर सकते हैं लेकिन इस व्रत के अधिक शुभफल के लिए जिस दिन विशाखा नक्षत्र हो उस दिन से व्रत आरंभ करना चाहिए। कम से कम 7 बुधवार के व्रत का संकल्प अवश्य करना चाहिए। इससे अधिक आप 21 बुधवार के व्रत पूर्ण करने के बाद उद्यापन कर सकते हैं।
बुधवार व्रत के नियम
– जिस बुधवार को व्रत आरंभ करना है उस दिन प्रात: सूर्योदय के समय उठकर स्नानादि करके जितने व्रत करने हैं उनका संकल्प लें।
– घर के मंदिर में गणपति यंत्र की स्थापना करें और भगवान गणेश (Ganesha) का आवाहन करें।
– रोली, अक्षत, दीपक, धूप, दूर्वा आदि से गणेश जी का पूजन करें।
– इसके बाद व्रत की कथा पढ़े और गणेश जी को लड्डू या फिर हलवे का भोग लगाएं।
– पूजा करके आरती करें और अपनी गलतियों की क्षमा प्रार्थना करें।
– भगवान गणेश (Ganesha) से कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें और दिनभर फलाहार व्रत रखें।
– बुधवार के व्रत में आप नमक का सेवन न करें।
– शाम को पूजन करें और सर्वप्रथम प्रसाद ग्रहण करके व्रत खोलें।
– इस दिन असहाय या जरूरतमंद व्यक्ति को क्षमतानुसार हरी मूंग की दाल और हरे रंग के वस्त्र दान दें।