नवरात्रि का पांचवा दिन मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) की आराधना को समर्पित है। इस बार तृतीया तिथि दो दिन पड़ने के कारण नवरात्रि का व्रत 10 दिन का रखा जाएगा। इसलिए नवरात्रि के पांचवें दिन चौथी देवी मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) की आराधना की जाएगी। इन्हें ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है, जिन्होंने अपनी अद्भुत शक्ति और मुस्कान से सृष्टि की रचना की थी। मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भक्तजन मां की आरती कर विशेष आशीर्वाद पाते हैं। मान्यता है कि श्रद्धा से की गई आरती से घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी संकट दूर होते हैं।
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से हो चुके हैं। यह पर्व बहुत खास होता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना और पूजा-अर्चना की जाती है। मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) का व्रत 26 सितंबर 2025, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन करें मां कूष्मांडा की आरती और पाएं मां का आशीर्वाद और कृपा।
मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) देवी की आरती
कूष्मांडा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली। शाकंबरी माँ भोली भाली॥लाखों नाम निराले तेरे । भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदंबे। सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
माँ के मन में ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो माँ संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥