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शारदीय नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानें मंत्र और भोग से जुड़ी सारी जानकारी

Maa Shailputri

Maa Shailputri

हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि पर्व विशेष महत्व है। जो मां दुर्गा को समर्पित है। पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है और यह दस दिनों तक चलती है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा नौ दिनों तक विधि-विधान के साथ की जाती है। नवरात्रि का पर्व शक्ति का प्रतिक है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति नवरात्रि में व्रत रखता और माता रानी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करता है।  अब ऐसे में शारदीय नवरात्रि का पहला मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) को समर्पित है। इस दिन शैलपुत्री माता की पूजा करने का विधान है।

मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) का स्वरूप

मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) देवदुर्गा का पहला रूप हैं, जिन्हें आदिशक्ति भी माना जाता है। उनका स्वरूप पर्वतों की पुत्री होने के नाते शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। मां शैलपुत्री का स्वरूप अत्यंत सुन्दर और दिव्य है। मां शैलपुत्री अक्सर लाल रंग की साड़ी में सजी होती हैं, जो उनकी शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है। उनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का फूल होता है, जो शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है। मां शैलपुत्री की सवारी बैल है, जो धर्म, शक्ति और समर्पण का प्रतीक है। मां शैलपुत्री की आराधना से भक्तों को शक्ति, साहस, और संतोष की प्राप्ति होती है।

मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) की पूजा सामग्री

मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) की पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से जान लें।

कलश
शैलपुत्री माता की चित्र
धूप और दीप
नैवेद्य
चावल
रोली, चंदन
कुंकुम
सिंदूर
फूल
फल
मिठाई
दूर्वा
नारियल
कलश स्थापना के लिए सामग्री: कलश, जल, गंगाजल, रोली, चावल, कुछ सिक्के, आम के पत्ते आदि।

मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) की पूजा विधि-

मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) नवदुर्गाओं में प्रथम हैं और नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति में तपस्या का गुण उत्पन्न होता है।

– सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर पवित्र करें।
– मां शैलपुत्री की तस्वीर या मूर्ति को लाल वस्त्र बिछाकर एक चौकी पर स्थापित करें।
– मां को जल अर्पित करें।
– लाल रंग के फूल चढ़ाएं।
– धूप और दीप जलाएं।
– मां के माथे पर चंदन का तिलक लगाएं।
– अक्षत चढ़ाएं।
– मां को प्रसाद स्वरूप फल, मिठाई या खीर चढ़ाएं।
– आखिर में मां की आरती करें।

मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) के मंत्र

मंत्रों का जाप करते समय मन को एकाग्र करना बहुत जरूरी है। मंत्रों के जाप से मन शांत होता है और मां शैलपुत्री की कृपा प्राप्त होती है।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नमः।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) को भोग

मां शैलपुत्री को खीर, दूध की बर्फी, रबड़ी आदि का भोग लगाएं। इसके अलावा नारियल का पानी और बुरादा भी चढ़ाया जा सकता है। मावा के लड्डू, सफेद रंग की मिठाईयां आदि।

मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) को फूल चढ़ाएं

मां शैलपुत्री को लाल रंग के फूल चढ़ाए जाते हैं। लाल रंग मां दुर्गा का प्रिय रंग माना जाता है और यह शक्ति और उर्जा का प्रतीक है। आप सफेद कनेर का फूल, गुड़हल का फूल और गुलाब का फूल अर्पित कर सकते हैं।

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