हिंदू धर्म में शक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि इन दिनों उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। नौ दिनों तक चलने वाले इस शक्ति पर्व में पांचवें दिन 13 अप्रैल को मां दुर्गा की पांचवी शक्ति मां स्कंदमाता (Maa Skandamata) की आराधना की जाएगी।
पौराणिक मान्यता है कि देवी स्कंदमाता (Maa Skandamata) की आराधना करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है देवी स्कंदमाता कार्तिकेय कुमार यानी स्कंद कुमार की माता है। इस दिन विधि विधान से पूजा करने पर सूनी गोद जल्द भर जाती है।
ऐसे करें देवी स्कंदमाता (Maa Skandamata) की पूजा
चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन 13 अप्रैल को स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें।
माता की चौकी सजाने के बाद माता को पीला चंदन, पीली चुनरी, पीली चूड़ियां, पीले फूल अर्पित करें।
भोग में केले का भोग जरूर लगाना चाहिए। साथ में केसर युक्त खीर का भी भोग लगा सकते हैं।
पूजा के बाद 5 कन्याओं को केले का प्रसाद वितरित करें। ऐसा करने से देवी स्कंदमाता प्रसन्न होती है।
स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
प्रार्थना मंत्र
सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।