हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि बहुत पावन मानी गई है। साल में 12 अमावस्या आती है। हर अमावस्या का अपना एक अलग महत्व है। माघ महिने में जो अमावस्या पड़ती है उसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या अध्यात्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन स्नान और दान से पुण्य प्राप्त होता है।
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर पितरों का तर्पण और पिंडदान
मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। इस दिन तर्पण और पिंडदान से तीन पीढ़ी के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा-पाठ और मौन व्रत भी बड़ा ही शुभकारी माना गया है। इस दिन भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा से बहुत ही पुण्यकारी फल प्राप्त होते हैं। साथ ही इस दिन भगवान शिव का इन चीजों से अभिषेक करने से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं।
आज है मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya)
माघ महीने की अमावस्या तिथि की शुरुआत आज शाम 7 बजकर 35 मिनट पर हो जाएगा। वहीं इस तिथि का समापन कल 29 जनवरी को 6 बजकर 5 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। 29 जनवरी को इसका व्रत भी रखा जाएगा। महाकुंभ में मौनी अमावस्या का अमृत स्नान भी 29 जनवरी को ही किया जाएगा।
भगवान शिव का इन चीजों से करें अभिषेक
– मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन स्नान करने के बाद गन्ने के रस में बेलपत्र डालकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होकर अपनी कृपा की छांव देते हैं। भगवान शिव की कृपा से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। धन से तिजोरी भरने लगती है। साथ ही सुख-समृद्धि बढ़ती है।
– मौनी अमावस्या के दिन कच्चे दूध में दही और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख-शांती बनी रहती है।
– मौनी के दिन दूध और घी से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन के सुखों में वृद्धि होती है।
– इस दिन अगर भगवान शिव का शुद्ध शहद से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी जाती हैं। साथ ही सभी दुख-दर्द और कष्ट मिट जाते हैं।