हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि (Masik Shivaratri) का पावन पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ये व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। मासिक शिवरात्रि भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से भक्तों को सभी कष्टों और रोगों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजन करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। मनुष्य के लिए यह व्रत बहुत ही शुभ और कल्याण करने वाला माना गया है।
मासिक शिवरात्रि (Masik Shivaratri) कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर की दोपहर 01:15 PM से हो रही है, और इसका समापन अगले दिन 31 अक्टूबर को दिन 12:31 AM पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, कार्तिक माह की शिवरात्रि का व्रत 30 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा।
इस शिवरात्रि पर बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग
कार्तिक माह की मासिक शिवरात्रि (Masik Shivaratri) पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग जैसा बेहद शुभ संयोग भी बन रहा है। यह योग बहुत अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि इस योग में जो भी कार्य आरम्भ करते हैं उसके सफल होने की उम्मीद बहुत ज्यादा होती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग और अन्य योग का समय
शिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 32 मिनट से आरंभ होगा और रात के 9 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। कार्तिक माह की मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह के समय वैधृति योग 8 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इसके बाद विष्कम्भ योग आरम्भ होगा। साथ ही इस दिन हस्त नक्षत्र सुबह से लेकर रात के 9 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से चित्रा नक्षत्र रहेगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मासिक शिवरात्रि (Masik Shivaratri) के व्रत की पूजा निशिता काल में करना ज्यादा शुभ होता है। इस मासिक शिवरात्रि में भगवान शिव की आराधना का शुभ मुहूर्त 30 अक्टूबर 2024 को रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक है। इस दौरान पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
मासिक शिवरात्रि (Masik Shivaratri) पूजा विधि
शिवरात्रि (Masik Shivaratri) के दिन सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। शिवलिंग को एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें और शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद शिवलिंग का दूध, दही, शहद, गंगाजल और अन्य पंचामृत से अभिषेक करें। भगवान शिव की पूजा में शिवलिंग को बेलपत्र, धतूरा, भांग, फूल आदि जरूर अर्पित करें। फिर शिवलिंग के सामने घी का दीपक जलाएं। धूपबत्ती जलाकर शिवलिंग को धूप दें। शिवलिंग को सफेद मिठाई का भोग लगाएं। फिर भगवान शिव की आराधना करते हुए शिव मंत्रों का जाप करें जैसे “ॐ नमः शिवाय”, “महामृत्युंजय मंत्र” आदि। सबसे आखिर में शिव चालीसा और आरती करें।
मासिक शिवरात्रि (Masik Shivaratri) का महत्व
मासिक शिवरात्रि (Masik Shivaratri) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता के अनुसार, जिन लोगों की शादी में दिक्कतें आ रही हैं, वे अगर इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं, तो उनके विवाह से जुड़ी सभी बाधाएं समाप्त हो जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यदि आप भी भगवान शिव के भक्त हैं, तो आपको भी मासिक शिवरात्रि के दिन उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए। मासिक शिवरात्रि पर मंदिरों में भजन-कीर्तन आयोजित होते हैं। यह एक सामूहिक उत्सव की तरह मनाया जाता है, जिसमें सभी लोग एक साथ मिलकर पूजा-अर्चना करते हैं।