वैशाख शुक्ल की नवमी तिथि को मां सीता की जयंती मनाई जाती है जिसे सीता नवमी कहते हैं। विवाहित स्त्रियाँ सीता नवमी (Sita Navami) के दिन व्रत रखती हैं तथा अपने पतियों की दीर्घायु की कामना करती हैं। इस दिन मां सीता की पूजा करते हैं। आओ जानते हैं कि कैसे करते हैं इनकी पूजा।
नवमी तिथि प्रारम्भ- 16 मई 2024 को सुबह 06:22 बजे।
नवमी तिथि समाप्त- 17 मई 2024 को सुबह 08:48 बजे।
सीता नवमी (Sita Navami) मध्याह्न पूजा मुहूर्त- सुबह 10:56 से दोपहर 01:39 तक।
सीता नवमी (Sita Navami) पूजन विधि:
1. सीता नवमी (Sita Navami) के दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
2. एक लकड़ी के पटिये पर पीला वस्त्र बिछाकर माता सीता की श्रीराम सहित मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
3. फिर पंचोपचार पूजा करें अर्थात दूध, पुष्प, धूप, दीप एवं नैवेद्य अर्पित करके माता सीता की राजा जनक और सुनयना के साथ पूजा करें।
गन्धं पुष्पं तथा धूपं दीपं नैवेद्यमेव च।
अखंडफलमासाद्य कैवल्यं लभते धु्रवम्।
4. इसके बाद नैवेद्य अर्पित करने के बाद आरती या स्तुति गान करें।
5. तत्पश्चात प्रसाद वितरण करें।
6. इसके बाद यथाशक्ति दान का संकल्प लेकर आप चाहें तो मिट्टी के बर्तन में धान, जल या अन्न भरकर दान कर सकते हैं।
7. इस दिन पूरे समय माता सीता के मंगलमय नाम ‘श्री सीतायै नमः’ और ‘श्रीसीता-रामाय नमः’ का उच्चारण करें।
माता सीता के मंत्र:
– ॐ जानकीवल्लभाय नमः
– श्री सीतायै नम:।
– ‘श्रीसीता-रामाय नम:’
– श्रीरामचन्द्राय नम:।
– श्री रामाय नम:।
– ॐ जानकी रामाभ्यां नमः।