Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

इसके बिना अधूरी मानी जाती है भगवान विष्णु की पूजा, नहीं मिलता पूर्ण फल

Anant Chaturdashi

Lord Vishnu

गुरुवार का दिन सृष्टि के रचयिता भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विधि-विधान से पूजा करें और अंत में भगवान की आरती करें। माना जाता है कि अगर आरती न की जाए, तो पूजा अधूरी रह जाती है। सच्चे मन से भगवान की आरती करें और विशेष चीजें अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान श्रीहरि प्रसन्न (Lord Vishnu) होकर आशीर्वाद देते हैं।

भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।

भगवान विष्णु की आरती

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।

स्वामी दुःख विनसे मन का।

सुख संपत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥

ॐ जय जगदीश हरे।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।

स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।

स्वामी तुम अन्तर्यामी।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।

स्वामी तुम पालन-कर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

स्वामी सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥

ॐ जय जगदीश हरे।

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

स्वामी तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा।

स्वमी पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, सन्तन की सेवा॥

ॐ जय जगदीश हरे।

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।

स्वामी जो कोई नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

Exit mobile version