हिंदू धर्म मेंं होली की तरह ही रंग पंचमी (Rang Panchami) का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है, जबकि रंग पंचमी का त्योहार होली के पांच दिन बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता धरती पर होली खेलने आते हैं। इस दिन देवी-देवताओं को अबीर-गुलाल उड़कर आमंत्रण दिया जाता है। देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना भी की जााती है।
इस त्योहार को देव पंचमी या श्री पंचमी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ रंग पंचमी (Rang Panchami) के दिन ही खोली खेली थी। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की भी पूजा की जाती है। इससे घर में सुख-शांति का वास रहता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में इस दिन के नियम भी बताए गए हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए। साथ ही इसका महत्व क्या है।
आज है रंग पंचमी (Rang Panchami)
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत आज रात 10 बजकर 9 मिनट पर हो रही है। वहीं इस पंचमी तिथि का समापन 20 मार्च को रात को 12 बजकर 36 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि मानी जाती है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रंग पचमी का त्योहार कल यानी 19 मार्च मनाया जाएगा।
पूजा शुभ मुहूर्त
रंग पंचमी (Rang Panchami) के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 51 मिनट से शुरू होगा। ये मुहूर्त 5 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा। ये मुहूर्त 3 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस दिन गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा। ये मुहूर्त 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस दिन निशिता मुहूर्त रात 12 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा। ये मुहूर्त 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।
पूजा विधि
रंग पंचमी (Rang Panchami) के दिन सबसे पहले स्नान करके साफ वस्त्र पहनकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। फिर मंदिर साफ करना चाहिए। फिर मंदिर में एक चौकी रखकर उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान कृष्ण और राधा रानी की मूर्ति या तस्वीर रखनी चाहिए। फिर उनको चंदन, अक्षत, गुलाब के पुष्प चढ़ाने चाहिए। उनके सामने देसी घी का दीपक जलाना चाहिए। खीर, पंचामृत और फलों का भोग लगाना चाहिए। मंत्रों का जप करना चाहिए। अंत में आरती करके पूजा का समापन करना चाहिए। आखिरी में लोगों को प्रसाद देना चाहिए।
क्या करें और क्या नहीं
रंग पंचमी (Rang Panchami) के दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा के साथ-साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन भी करना चाहिए। दोनों को गुलाल चढ़ाना चाहिए। कनकधरा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी को भी गुलाल चढ़ाना चढ़ाना चाहिए। बगलामुखी माता को पीले रंग का अबीर और सूर्य देव को लाल रंग का अबीर अर्पित करना चाहिए। इस दिन देवी-देवताओं को अबीर-गुलाल चढ़ाना चाहिए। इस दिन हवा में रंग उड़ाना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन और मासांहार नहीं खाना चाहिए। इस दिन काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। इस दिन शरीर पर रंग नहीं लगाना चाहिए।
रंग पंचमी (Rang Panchami) का महत्व
रंग पंचमी (Rang Panchami) पर रंग उड़ाने की पंरपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। लोगों के दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं। जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। रंग पंचमी का त्योहर मनाने से शरीर की ऊर्जा संतुलित रहती है। जीवन में सकारात्मकता आती है।