वाराणसी। वाराणसी की जिला कोर्ट ने बुधवार को हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) परिसर में पूजा-अर्चना की अनुमति दे दी थी। जिसके बाद गुरुवार को करीब 31 साल ज्ञानवापी परिसर में पूजा-अर्चना शुरू हो गयी है। हिंदु पक्ष को ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने (Vyas Basement) में पूजा-पाठ करने का अधिकार मिला है।
जिला कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद गुरुवार (1 फरवरी) सुबह लोग पूजा करने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में व्यास जी के तहखाने (Vyas Basement) में तहखाने में पहुंचे हैं। इस मामले में डीएम ने कहा कि जिला कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराया गया है। वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को हिंदू पक्ष और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट (Shri Kashi Vishwanath Temple Trust) द्वारा नामित एक पुजारी के जरिए की जाने वाली पूजा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने ब्यास जी के तहखाने (Vyas Basement) में पूजा कराई। पूजा-पाठ का अधिकार काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को सौंपा गया है।
ज्ञानवापी मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, व्यास तहखाने में मिली पूजा की इजाजत
बता दें कि कोर्ट का आदेश आने के बाद रातोरात तहखाने (Vyas Basement) से बैरिकेडिंग हटा दी गई थीं। इसके बाद तड़के ही पूजा के लिए लोग जुटने लगे। पूजा की शुरुआत कड़े प्रशासनिक सुरक्षा घेरे में शुरू हुई है। भारी फोर्स की मौजूदगी में श्रद्धालु व्यास तहखाने की ओर जा रहे हैं और पूजा-अर्चना कर रहे हैं। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से पूजा करवाई जा रही।
इस बीच रात में कुछ युवकों ने ज्ञानवापी की तरफ जाने वाले मार्ग पर लगे साइन बोर्ड पर ‘ज्ञानवापी मंदिर मार्ग’ लिख दिया। जिसकी तस्वीर वायरल हो रही है।