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सर्वपितृ अमावस्या पर करें तुलसी का ये उपाय, जीवन में आएगी सुख-समृद्धि

Sarva Pitru Amavasya

Tulsi

इस साल सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) 21 सितंबर 2025 को पड़ रही है। हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धा और आस्था से तर्पण, दान और पूजन का कार्य किया जाता है। मान्यता है कि पितृपक्ष की अंतिम तिथि यानी सर्वपितृ अमावस्या पर किए गए उपायों से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद परिवार को सुख-समृद्धि प्रदान करता है। इसी दिन तुलसी (Tulsi)  पूजन का भी खास महत्व बताया गया है। तुलसी को सनातन धर्म में देवी लक्ष्मी का स्वरूप और भगवान विष्णु को प्रिय माना गया है। यदि सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्रद्धापूर्वक तुलसी पूजन किया जाए तो जीवन की अनेक परेशानियां दूर होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) पर ऐसे करें तुलसी की पूजा?

सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) के दिन तुलसी की पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।

स्नान करें: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

तुलसी की सफाई: तुलसी के पौधे और उसके आसपास की जगह को साफ करें।

जल चढ़ाएं: तुलसी को स्वच्छ जल चढ़ाएं। ध्यान रखें कि तुलसी को बिना स्नान किए न छुएं।

दीपक जलाएं: तुलसी के पास एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं। यह दीपक शाम के समय जलाना और भी शुभ माना जाता है।

परिक्रमा: तुलसी के पौधे की 11, 21 या 108 बार परिक्रमा करें।

मंत्र जाप: परिक्रमा करते हुए “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।

प्रार्थना: अपनी परेशानियों को दूर करने और पितरों की शांति के लिए तुलसी माता से प्रार्थना करें।

तुलसी पूजा के लाभ

पितृ दोष से मुक्ति: अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है, तो इस दिन तुलसी पूजा करने से यह दोष काफी हद तक कम हो सकता है।

आर्थिक संकट दूर: घर में पैसों की कमी है तो तुलसी पूजा करने से धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

ग्रह दोष शांत: तुलसी पूजा से ग्रहों की अशुभ स्थिति भी शांत होती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है।

पारिवारिक सुख: यह पूजा परिवार में शांति और सद्भाव लाती है, जिससे आपसी मतभेद खत्म होते हैं।

सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) पर तुलसी पूजा का महत्व

हिन्दू धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इसे विष्णु प्रिया भी कहते हैं। मान्यता है कि तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास होता है। पितृ पक्ष में तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि पितरों को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या के दिन तुलसी की पूजा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन तुलसी के पास दीपक जलाने और उनकी परिक्रमा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। साथ ही, यह माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे सीधे बैकुंठ धाम को जाते हैं।

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