सनातन परंपरा में शिव साधना के लिए महाशिवरात्रि ( Mahashivratri ) को अत्यंत ही शुभ और शीघ्र फलदायी माना गया है. यही कारण है कि भोले के भक्त इस पावन पर्व का पूरे साल इंतजार करते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि ( Mahashivratri ) पर की गई पूजा का साधक को पूरा फल मिलता है, जिससे उसके जीवन से जुड़े कष्ट पलक झपकते दूर होते हैं और उसे सभी प्रकार की सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
पंचांग के अनुसार इस साल महाशिवरात्री ( Mahashivratri ) के पर्व के साथ शनि प्रदोष और सर्वार्थ सिद्ध का भी सुखद संयोग बन रहा है. ऐसे में इसका न सिर्फ धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय महत्व भी बढ़ गया है. आइए महाशिवरात्रि पर शिव एवं शनि पूजा से जुड़े अचूक उपाय जानते हैं.
शिव पूजा से दूर होंगे शनि संबंधी सारे दोष
ज्योतिष के अनुसार यदि आपकी कुंडली में शनि दोष आपके कष्टों का बड़ा कारण बन रहा है तो आप उससे बचने के लिए इस महाशिवरात्रि पर महादेव की पूजा का महाउपाय अवश्य करें. मान्यता है कि यदि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा में शमी पत्र चढ़ाकर महामृत्युंजय मंत्र का श्रद्धा और विश्वास के साथ जप किया जाए तो व्यक्ति को शनि दोष का दुष्प्रभाव नहीं होता है.
महाशिवरात्रि ( Mahashivratri ) पर शनि संबंधी दोष को दूर करने के लिए विशेष रूप से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें. यदि आप किसी कारण से भगवान शिव का रुद्राभिषेक न करा पाएं तो आप महाशिवरात्रि पर भगवान शंकर की पूजा में शिव सहस्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जप जरूर करें.
शिव पूजा से मिलेगी कालसर्प दोष से मुक्ति
सनातन परंपरा में सर्प को भगवान शिव के गले का हार और महादेव को काल का भी काल माना गया है. ऐसे में यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष आपके तमाम कष्टों का कारण बन रहा है और उसके कारण आपके जीवन से जुड़ी प्रगति रुकी हुई है तो आपको इस महाशिवरात्रि पर इससे बचने के लिए भगवान शिव की पूजा का सरल उपाय जरूर करना चाहिए.
मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति महाशिवरात्रि ( Mahashivratri ) पर यदि उज्जैन स्थित महाकालेश्वर या फिर नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग या फिर प्रयागराज स्थित तक्षकेश्वर महादेव मंदिर में विधि-विधान से पूजा और रुद्राभिषेक करवाता है तो उसे कुंडली से जुड़े इस दोष से मुक्ति मिल जाती है. कालसर्प दोष से बचने के लिए महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाएं.