Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

गलत खानपान है बॉडी में यूरिक एसिड बढ़ने की सबसे बड़ी वजह

Uric acid problem

गलत खानपान

लाइफ़स्टाइल डेस्क। जब कभी आपके घुटनों और पैरों की उंगलियों में दर्द हो तो इसे मामूली समझ कर अनदेखा करना कई दूसरी परेशानियों की वजह बन सकता है। यह आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का लक्षण भी हो सकता है। जिसे गाउट आर्थराइटिस कहा जाता है। तो क्यों होता है ऐसा और कैसे करें इससे बचाव, ये जान लेना है जरूरी।

क्यों होता है ऐसा

 

  1. यूरिड एसिड की समस्या प्रोटीन की अधिकता की वजह से होती है। प्रोटीन एमिनो एसिड के संयोजन से बना होता है। पाचन की प्रक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है तो शरीर में यूरिक एसिड बनता है, जो कि एक तरह का एंटी ऑक्सीडेंट होता है। वैसे सभी के शरीर में जरूरी मात्रा में यूरिक एसिड का होना सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो ब्लड सर्कुलेशन के जरिए पैरों की उंगलियों, टखनों, घुटने, कोहनी, कलाइयों और हाथों की उंगलियों के जोड़ों में इसके कण जमा होने लगते हैं और इसी के रिएक्शन से जोड़ों में दर्द और सूजन होने लगता है।
  2. आमतौर पर किडनी ब्लड में मौजूद यूरिक एसिड की अतिरिक्त मात्रा को यूरिन के जरिए बाहर निकाल देती है, लेकिन जिनकी किडनी सही ढंग से काम नहीं कर रही होती, उनके शरीर में भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
  3. इस प्रॉब्लम की सबसे बड़ी वजह आजकल की गलत लाइफस्टाइल है। जो 25 से 40 वर्ष के युवा पुरुषों में और स्त्रियों में 50 वर्ष की उम्र के बाद सबसे ज्यादा देखने को मिलती है।
  4. रेड मीट, सी फूड, रेड वाइन, प्रोसेस्ड चीज, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक आदि के अधिक मात्रा में सेवन से भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
  5. अगर व्यक्ति की किडनी भीतरी दीवारों की लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो तो ऐसे में यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से किडनी में स्टोन भी बनने लगता है।
बचाव
  1. ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की कोशिश करें। इससे ब्लड में मौजूद एक्स्ट्रा यूरिक एसिड यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकल जाता है।
  2. दर्द वाले जगह पर कपड़े में लपेटकर बर्फ की सिंकाई फायदेमंद साबित होती है।
  3. बैलेंस डाइट लें- जिसमें, कार्बोहइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटमिन और मिनरल्स सब कुछ सीमित और संतुलित मात्रा में होना चाहिए। आम तौर पर शाकाहारी भारतीय भोजन संतुलित होता है और उसमें ज्यादा फेर-बदल की जरूरत नहीं होती।
  4. रोजाना एक्सराइज करने की आदत डालें क्योंकि इससे शरीर में अतिरिक्त प्रोटीन जमा नहीं हो पाता।
  5. इस समस्या से ग्रस्त लोगों को नियमित रूप से दवाओं का सेवन करते हुए, हर छह माह के अंतराल पर यूरिक एसिड की जांच करानी चाहिए।
Exit mobile version